कहानी राधा दादी की

कहानी राधा दादी की
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक बुढ़िया रहती थी। वह गांव की सबसे बुजुर्ग और सम्मानित महिला थी। उसके पास एक बच्ची थी, जिसका नाम राधा था। राधा बहुत ही अद्भुत और ज्ञानी थी, वह दूसरे बच्चों के साथ खेलने की बजाय हमेशा कहानियों को सुनना पसंद करती थी।
एक दिन, राधा अपनी दादी के पास गई और कहानी सुनने के लिए बहुत उत्साहित हुई। दादी ने उसे एक कहानी सुनाई, जिसमें एक राजा और उसकी रानी शामिल थी। राजा का एक प्यारा सा बेटा था, जिसका नाम विक्रम था।
कहानी में राजा के राज्य में एक आकर्षक बाग था जिसमें एक महान वृक्ष उगता था। लोगों को यह वृक्ष बहुत पसंद था, क्योंकि इसके फल बड़े ही रसीले और स्वादिष्ट होते थे। विक्रम ने उस वृक्ष को देखा और बहुत खुश हुआ। लेकिन राजा ने एक नियम बना दिया था कि कोई भी इस वृक्ष से फल तोड़कर खाने की अनुमति नहीं है।
एक दिन, विक्रम बगीचे में खेल रहा था और बहुत भूखा हो गया। उसने वृक्ष के पास जाकर एक फल तोड़ा और छिपा लिया। वह फल खाते समय, उसकी आँखों में एक अलग सी चमक आई। उसे वह फल बहुत पसंद आया।
फिर विक्रम ने एक और फल तोड़ा, और उसे खाने के बाद, उसकी अद्भुत शक्तियों का एहसास हुआ। उसने खुशी से झूमते हुए एक और फल तोड़ा, और इस बार वह उसे राजा के सामने रख दिया।
राजा बहुत ही आश्चर्यचकित हुए और पूछा, "तुमने ये फल कहाँ से प्राप्त किया है, विक्रम?" विक्रम ने सच बता दिया और माफी मांगी।
राजा ने देखा कि विक्रम को अद्भुत शक्तियाँ प्राप्त हो रही हैं। वह समझ गए कि यह वृक्ष खास है और इसे सभी के लिए खुले रखने का समय आ चुका है। राजा ने फैसला किया कि अब सभी लोग इस वृक्ष से फल तोड़कर खा सकते हैं।
यह कहानी राधा को बहुत पसंद आई और उसने अपने दादी को धन्यवाद दिया। उसने यह समझा कि अद्भुत शक्तियाँ हर किसी में हो सकती हैं और कहानियाँ हमें जीवन के बारे में महत्वपूर्ण सबक सिखा सकती हैं।
यह कहानी उस गांव के बच्चों को और राधा को बहुत प्रेरित करती है। उन्हें यह बताती है कि ज्ञान, न्याय और सामरिकता से भरे हुए समाज के बनाने की ज़रूरत होती है जिससे हमारा सबका संपन्नता, खुशहाली और खुशी संभव होती है।
What's Your Reaction?






