इस कहानी का मोरल है कि छोटी चीजें हमें खुशी दे सकती हैं,

एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास कुछ नहीं था, बस एक बहुत ही पुरानी और ढीली चप्पल। उस चप्पल के बावजूद, लड़का बहुत खुश था और इसे पहनकर गांव में घूमने का आनंद लेता था।
एक दिन, वह चप्पल खो गई। उसने चप्पल ढूंढ़ी, लेकिन नहीं मिली। लड़का बहुत उदास हो गया और रोने लगा। उसकी आंखों में आंसू थे। अचानक, एक सबसे छोटी लड़की आई और पूछा, "तुम क्यों रो रहे हो?"
लड़का ने कहा, "मेरी चप्पल खो गई है। मैं अब और चप्पल नहीं खरीद सकता।"
छोटी लड़की ने मुस्कराते हुए कहा, "चिंता मत करो! मैं तुम्हें एक राजधानी चप्पल दूंगी।"
लड़का हैरान हो गया, लेकिन खुशी से भर गया। छोटी लड़की ने अपनी चप्पल उठाई और उसे दिया। यह एक नई और बहुत खूबसूरत चप्पल थी।
वो दोनों घूमने निकले और खुशी से खेलने लगे। लड़का अपनी नई चप्पल के साथ गर्व महसूस करने लगा। वह दूसरे बच्चों के साथ भागने, खेलने और उछाल-कूद करने लगा।
इस कहानी का मोरल है कि छोटी चीजें हमें खुशी दे सकती हैं, चाहे वो फिर चप्पल ही क्यों न हो। हमें आपने वितरित करने के लिए धन्यवाद देना चाहिए और स्नेहित संबंधों को महत्व देना चाहिए।
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