UPSC : लेटरल एंट्री विज्ञापन निरस्त होने पर राहुल ने कहा, भाजपा की हर ऐसी साजिश को नाकाम करेंगे
New Delhi : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने UPSC में लेटरल एंट्री से जुड़ा विज्ञापन निरस्त करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के बाद मंगलवार को कहा कि वह संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे तथा भाजपा की लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हर हाल में नाकाम करके दिखायेंगे. […] The post UPSC : लेटरल एंट्री विज्ञापन निरस्त होने पर राहुल ने कहा, भाजपा की हर ऐसी साजिश को नाकाम करेंगे appeared first on lagatar.in.
New Delhi : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने UPSC में लेटरल एंट्री से जुड़ा विज्ञापन निरस्त करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के बाद मंगलवार को कहा कि वह संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे तथा भाजपा की लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हर हाल में नाकाम करके दिखायेंगे. राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे.
संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे।
भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
जय हिन्द।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
संविधान जयते !
हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है।
Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती… https://t.co/l154jpAcXW
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 20, 2024
भाजपा की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखायेंगे. उन्होंने कहा, मैं एक बार फिर कह रहा हूं-50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे. जय हिन्द.
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखा
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री से संबंधित नवीनतम विज्ञापन रद्द करने को कहा ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके. लेटरल एंट्री एक सीधी भर्ती की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में कुछ निश्चित समय के लिए नियुक्ति की जाती है
भर्तियां संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं
ये भर्तियां सामान्यत: संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं. केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की थी. आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ग्रुप ए सेवाओं के अधिकारी तैनात किये जाते हैं.
भाजपा-आरएसएस जब तक सत्ता में हैं, आरक्षण छीनने के हथकंडे अपनाते रहेंगे
कांग्रेस ने दावा किया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं के विरोध के कारण प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लेटरल एंट्री के मामले पर पीछे हटी और उसने संबंधित विज्ञापन वापस लेने का फैसला किया. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जब तक सत्ता में हैं’, तब तक वे आरक्षण छीनने के नये-नये हथकंडे अपनाते रहेंगे और इस बारे में सबको सावधान रहना होगा. खरगे ने सोशल मीडिया मंच एक्स’ पर पोस्ट किया, संविधान जयते.
कांग्रेस पार्टी ने आरक्षण छीनने के भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरा है
हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने आरक्षण छीनने के भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरा है, लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है. उन्होंने दावा किया, राहुल गांधी, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के घटक दलों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, पर जब तक भाजपा-आरएसएस सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नये-नये हथकंडे अपनाती रहेगी. हम सबको सावधान रहना होगा.
खरगे ने कहा, बजट में मध्यम वर्ग पर किया गया दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ/इंडेक्शेखसन वाला प्रहार हो, या वक़्फ़ विधेयक को जेपीसी के हवाले करना हो, या फिर प्रसारण विधेयक को ठंडे बस्ते में डालना हो – जनता और विपक्ष की ताक़त देश को मोदी सरकार से बचा रही है.
लेटरल एंट्री निरस्त होना विपक्ष के नेताओं की आलोचना का प्रभाव
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जितेंद्र सिंह द्वारा यूपीएससी प्रमुख को लिखे गये पत्र का हवाला देते हुए एक्स पर पोस्ट किया, एक नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के अधीन काम करने वाले एक केंद्रीय मंत्री का एक संवैधानिक प्राधिकारी को बिना तारीख के एक पत्र. यह कैसा दयनीय शासन है. उन्होंने कहा, फिर भी, यह (लेटरल एंट्री के विज्ञापन का निरस्त होना) स्पष्ट रूप से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेताओं और अन्य लोगों की आलोचना का प्रभाव है.
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