अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, राज्यपाल का पद खत्म किया जाये…सहित राष्ट्रीय खबरें एक नजर में
Lagatar Desk कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर राज्यपालों की भूमिका को दयनीय बना देने का आरोप लगाया और कहा कि या तो राज्यपाल का पद खत्म कर दिया जाये या फिर सबकी सहमति से ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति हो जो तुच्छ राजनीति में शामिल नहीं […] The post अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, राज्यपाल का पद खत्म किया जाये…सहित राष्ट्रीय खबरें एक नजर में appeared first on lagatar.in.
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कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर राज्यपालों की भूमिका को दयनीय बना देने का आरोप लगाया और कहा कि या तो राज्यपाल का पद खत्म कर दिया जाये या फिर सबकी सहमति से ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति हो जो तुच्छ राजनीति में शामिल नहीं हो. उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में संसदीय सुधारों की जरूरत पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आसन दलगत भावना से ऊपर उठकर काम करे. तेलंगाना से हाल में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए सिंघवी ने संसद में आसन और विपक्ष के बीच टकराव को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा, यह बहुत दुखद है. वह चौथी बार राज्यसभा सदस्य बने हैं.
मैं संसदीय भावना को महत्व देता हूं. इसमें विश्वास करता हूं : सिंघवी ने कहा, इस कार्यकाल के पूरा होने तक मैं राज्यसभा में 20 साल की अवधि पूरी कर लूंगा. मैं संसदीय भावना को महत्व देता हूं. मैं वास्तव में इसमें विश्वास करता हूं. मेरा मानना है कि सेंट्रल हॉल मात्र एक जगह नहीं है, यह एक अवधारणा (कॉन्सेप्ट) है. उन्होंने कहा, मैं दलगत भावना से अलग विशाल हृदय वाली उदारता में विश्वास करता हूं. पिछली राजग सरकार के दौरान संसद के शीतकालीन सत्र में बड़े पैमाने पर सांसदों के निलंबन के संदर्भ में उनका कहना था, आप यह कहकर लोकतंत्र को नकार नहीं सकते कि असहमति के कारण मैं 142 लोगों को निलंबित कर दूंगा. विपक्ष को अपनी बात रखनी होगी और अंततः सरकार का अपना रास्ता होगा. लेकिन मुझे अपनी बात कहने की जरूरत है और आपको अपनी बात कहने की, उस प्रक्रिया को अपने आप चलने दीजिए. सिर्फ दिखावे के लिए संसद (आर्टिफिशियल पार्लियामेंट) नहीं हो सकती.
सिंघवी ने इंग्लैंड की संसदीय व्यवस्था का हवाला दिया : सिंघवी ने कहा कि अब यह राज्यों में भी हो रहा है और किसी एमएलसी को सिर्फ इस वजह से सदन से निष्कासित कर दिया जाता है कि उसने सरकार की आलोचना की. सिंघवी ने कहा, संसदीय लोकतंत्र का सार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विचार की स्वतंत्रता है. चाहे यह कितना ही आपत्तिजनक क्यों न हो, मैं अपनी बात कह रहा हूं. उन्होंने इंग्लैंड की संसदीय व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा, मैंने इसके लिए पैरवी की है और यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि यह पुराने दिनों में अस्तित्व में था और कुछ हद तक अब इंग्लैंड में है. आप पहले से तय कर लेते हैं कि कोई व्यक्ति अगली संसद में स्पीकर होंगे और चुनाव से पहले उनकी सीट से कोई दूसरा चुनाव नहीं लड़ेगा और संबंधित व्यक्ति निर्विरोध निर्वाचित हो जायेंगे.
लोकसभा अध्यक्ष के पास अपार शक्तियां होती हैं : सिंघवी ने कहा, कल्पना कीजिए कि स्पीकर की कुर्सी के लिए इस तरह से चुने जाने से आपको (संसदीय प्रणाली) कितनी ताकत मिलेगी. वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी का कहना था, “मैं दृढ़ता से इसके पक्ष में हूं कि सभी पार्टियां इस बात पर सहमत हों कि हम एक सीट किसी व्यक्ति को देंगे, चाहे वह कोई भी हो और उस व्यक्ति को निर्विरोध चुना जाये. या फिर वह व्यक्ति पार्टी से अलग हो जाये. आप राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बन जाते हैं तो क्या आप कभी चुनावी राजनीति में वापस आते हैं? यही बात लोकसभा अध्यक्ष के लिए भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के पास इतनी अपार शक्तियां होती हैं कि वह दल-बदल को लेकर फैसला करता है. यदि वह भी पक्षपातपूर्ण हो जाये, तो क्या बचता है.
कांग्रेस हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर चुनावों में जीतेगी : सिंघवी ने दावा किया कि कांग्रेस हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी तथा भाजपा भयभीत है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर कहा कि गठबंधन की राजनीति इस सरकार के लिए एक दर्दनाक सबक होगा क्योंकि यह उनके मानस या स्वभाव में नहीं है. कांग्रेस नेता सिंघवी ने कुछ राज्यों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने राज्यपालों की भूमिका बहुत दयनीय कर दी है…इस सरकार ने हर संस्था को नीचा दिखाया है, उसका अवमूल्यन किया है. यह देखकर मुझे बहुत दुखद होता है.
सीबीआई जांच वाले 6,900 से अधिक मामले अदालतों में लंबित : केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार के, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच वाले 6,900 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में लंबित थे, जिनमें से 361 मामले 20 वर्षों से अधिक पुराने थे. सीबीआई जांच के लिए लंबित 658 मामलों में 48 पांच साल से अधिक समय से लंबित थे. सीवीसी ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 तक अदालतों में विचाराधीन कुल 6,903 मामलों में से 1,379 मामले तीन साल से कम समय से, 875 मामले तीन साल से अधिक और पांच साल तक तथा 2,188 मामले पांच साल से अधिक समय तक और दस साल तक लंबित थे. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई और आरोपियों द्वारा दायर 12,773 अपील या पुनर्विचार याचिकाएं विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं. हाल ही में सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 501 मामले 20 वर्ष से अधिक समय से, 1,138 मामले 15 वर्ष से अधिक लेकिन 20 वर्ष से कम समय से, 2,558 मामले 10 वर्ष से अधिक लेकिन 15 वर्ष से कम समय से, 3,850 मामले पांच वर्ष से अधिक लेकिन 10 वर्ष से कम समय से, 2,172 मामले दो वर्ष से अधिक लेकिन पांच वर्ष से कम समय से तथा 2,554 मामले दो वर्ष से कम समय से लंबित थे
दुष्कर्म-हत्या मामले में कोलकाता में रातभर दिया गया धरना : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पिछले माह एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के विरोध में यहां रातभर धरना दिया गया. धरने में विशाल रैली में भाग लेने वाली प्रमुख फिल्मी हस्तियों और मानवाधिकार कार्यकर्ता समेत अन्य लोग शामिल थे. धरना सोमवार को सुबह चार बजे तक जारी रहा. रविवार को हजारों लोग विरोध मार्च में शामिल हुए और रैली के अंत में वे मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में धरने पर बैठ गये. उन्होंने इस जघन्य अपराध की त्वरित जांच और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते सोमवार की सुबह तक वहीं डटे रहने का संकल्प लिया. रविवार रात का विरोध प्रदर्शन 14 अगस्त की आधी रात को आयोजित वीमेन रिक्लेम द नाइट कार्यक्रम की याद दिलाता है, जिसमें स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की गयी थी. धरने में फिल्म निर्देशक बिरसा दासगुप्ता, अभिनेत्री सोहिनी सरकार शामिल थे. रात भर विरोध प्रदर्शन जारी रहा, तथा करार ओई लौहो कोपट”, “वी शैल ओवरकम” और गायक अरिजीत सिंह के नए संस्करण, “आर काबे” जैसे गाने गूंज रहे थे, जो आरजी कर अस्पताल में हुई घटना की पीड़िता और अन्य बलात्कार पीड़ितों को समर्पित थे.
फिल्म इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्र नहीं मिलना निराशाजनक : फिल्म इमरजेंसी को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाणपत्र नहीं मिलने और छह सितंबर को प्रस्तावित इसका प्रदर्शन अधर में लटकने के बीच अभिनेत्री कंगना रनौत ने सोमवार को कहा कि यह बहुत निराशाजनक और अन्यायपूर्ण है. कहा कि सेंसरशिप केवल उनकी फिल्म के लिए है. कंगना ने कहा कि केवल ऐतिहासिक तथ्यों पर फिल्म बनाने वालों पर सेंसरशिप है लेकिन हिंसा और नग्नता दिखाई जा सकती है. इमरजेंसी और नेटफ्लिक्स पर आई वेब सीरीज आईसी 814: द कंधार हाइजैक की तुलना करते हुए उन्होंने एक्स’ पर लिखा, ‘देश का कानून है कि ओटीटी मंचों पर बिना किसी कार्रवाई या सेंसरशिप के अत्यधिक हिंसा और नग्नता दिखाई जा सकती है, कोई व्यक्ति राजनीतिक रूप से प्रेरित अपने कुटिल मकसद के लिए वास्तविक जीवन के घटनाक्रम को तोड़-मरोड़ भी सकता है, दुनियाभर में कम्युनिस्ट या वामपंथियों को इस तरह की राष्ट्रविरोधी अभिव्यक्ति की आजादी है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक राष्ट्रवादी के तौर पर कोई ओटीटी मंच हमें ऐसी फिल्म बनाने की अनुमति नहीं देता जो भारत की अखंडता और एकता के इर्दगिर्द घूमती हो.
चमोली में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के चलते बंद : उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन के चलते बंद हो गया है. बारिश के कारण कर्णप्रयाग- ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सीमा को जोड़ने वाली ज्योतिर्मठ- मलारी सड़क भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है. चमोली जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिमली में जोसा और टोटा गधेरे (बरसाती नाले) में भूकटाव से बाजार में कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गये हैं. गधेरे का मलबा राजमार्ग पर भी फैल गया जिसे अब साफ कर दिया गया है . बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पागलनाला, पातालगंगा, नंदप्रयाग में अवरुद्ध है जिसे खोलने के लिए मशीनों के साथ कर्मचारी मौके पर पहुंच गये हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना की : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में देवी महालक्ष्मी के प्रसिद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना की और उसके बाद राज्य की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुईं. मुर्मू के कोल्हापुर पहुंचने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उनका स्वागत किया, जिले के अधिकारियों ने कहा, राष्ट्रपति मुर्मू महालक्ष्मी मंदिर पहुंचीं और देवी से आशीर्वाद लिया. राष्ट्रपति भवन ने कहा कि राष्ट्रपति सोमवार को कोल्हापुर के वारणानगर में श्री वारणा महिला सहकारी समूह के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेंगी और अगले दो दिनों में विभिन्न कार्यक्रमों का भी हिस्सा रहेंगी.
सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले में सेना का जवान घायल : जम्मू में सोमवार को एक सैन्य शिविर की संतरी चौकी पर संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा की गयी गोलीबारी में सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया. हमलावरों का पता लगाने और उनका खात्मा करने के लिए व्यापक तलाशी अभियान जारी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सुबह करीब 10 बजकर 50 मिनट पर जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित सुंजवान सैन्य स्टेशन पर कुछ राउंड गोलीबारी हुई. घटना में एक सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया. प्रवक्ता ने बताया कि हमलावारों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया है. इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की शीतकालीन राजधानी में सबसे बड़े सुरक्षा शिविरों में से एक की सुरक्षा में तैनात सेना की एक चौकी पर संदिग्ध आतंकवादियों ने कुछ राउंड गोलियां चलाईं, जिसके बाद कुछ देर के लिए गोलीबारी हुई.
झारखंड के चिकित्सकों ने स्वीकारी बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली : झारखंड के सरकारी चिकित्सकों ने अपनी 15 सूत्री मांगों को पूरा होने का आश्वासन मिलने के बाद बायोमेट्रिक’ हाजिरी प्रणाली सोमवार को स्वीकार कर ली, चिकित्सकों के एक संघ ने यह जानकारी दी. संघ के अनुसार, चिकित्सकों ने बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से हाजिरी दर्ज करना सोमवार से शुरू कर दिया. झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की प्रदेश इकाई के तहत राज्य के सभी सरकारी चिकित्सकों ने 20 अगस्त से बायोमेट्रिक’ उपस्थिति प्रणाली का बहिष्कार किया था और इसे आपातकालीन सेवाओं के लिए अव्यवहारिक करार दियाथा. जेएचएसए के प्रदेश सचिव मृत्युंजय ठाकुर सिंह ने कहा, सरकार ने हमारी 15 सूत्री मांगों पर सहमति दे दी है, इसलिए हमने अपना विरोध वापस ले लिया है और चिकित्सकों ने आज से बायोमेट्रिक प्रणाली पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है.
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