पीएम मोदी ने जिला अदालतों की कॉन्फ्रेंस का कहा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय…
NewDelhi : प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में शनिवार को जिला अदालतों की दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित न्याय की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ेगा. पीएम ने कहा कि भारत के […] The post पीएम मोदी ने जिला अदालतों की कॉन्फ्रेंस का कहा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय… appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में शनिवार को जिला अदालतों की दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित न्याय की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ेगा. पीएम ने कहा कि भारत के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट या न्यायपालिका पर कभी कोई अविश्वास नहीं दिखाया.
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi says, “I can say with confidence that SC has upheld the trust and faith we have in our institution…Even in the dark period of emergency, the Supreme Court guaranteed our fundamental rights and every time it was a question of national… pic.twitter.com/wnggKLfGMA
— ANI (@ANI) August 31, 2024
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi says, “The people of India have never distrusted the Indian judiciary and the Supreme Court. Therefore, these 75 years of the Supreme Court further enhance the glory of India as the Mother of Democracy…I can say with confidence that… https://t.co/YQYNjqyhmc pic.twitter.com/Ir979vBOTF
— ANI (@ANI) August 31, 2024
न्यायपालिका को संविधान का संरक्षक माना जाता है
मोदी ने कहा कि न्यायपालिका को संविधान का संरक्षक माना जाता है और उच्चतम न्यायालय एवं न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के लोगों ने उच्चतम न्यायालय या न्यायपालिका के प्रति कभी कोई अविश्वास नहीं दिखाया. प्रधानमंत्री ने आपातकाल लागू किये जाने को एक काला दौर बताते हुए कहा कि न्यायपालिका ने मौलिक अधिकारों को बनाये रखने में अहम भूमिका निभाई.
कहा कि उच्चतम न्यायालय के 75 वर्ष संविधान, संवैधानिक मूल्यों और अधिक परिपक्व लोकतंत्र के रूप में उभरते भारत की यात्रा हैं. उच्चतम न्यायालय ने आपातकाल के काले दिनों में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रीय एकता को बरकरार रखा.
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कई कड़े कानून बनाये गये हैं
मोदी ने नये आपराधिक कानूनों को लेकर कहा कि इसमें नागरिकों और न्याय को सर्वोपरि रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, राजद्रोह कानून को रद्द कर दिया गया है. पीएम ने कहा, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं. महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कई कड़े कानून बनाये गये हैं. न्याय जितनी तेजी से मिलेगा, महिलाओं को अपनी सुरक्षा को लेकर उतना ही अधिक भरोसा होगा. कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र से महिलाओं पर अपराध के लिए खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग कर रही है. इसे लेकर CM ममता ने 22 अगस्त और 30 अगस्त को पीएम को दो पत्र लिखे थे.
2019 में सरकार ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना की थी
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 2019 में सरकार ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट की स्थापना की थी. इसके तहत अहम गवाहों के लिए डिपोजिशन सेंटर्स का प्रावधान है. पीएम ने डिस्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग कमेटी की भूमिका को अहम करार दिया, जिसमें डिस्ट्रिक्ट जज, डीएम और एसपी शामिल होते हैं. पीएम ने कहा कि कमेटी को और सक्रिय करने की जरूरत है. इससे महिला अत्याचारों से जुड़े मामलों मेंतेजी से फैसले आयेंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का ज्यादा भरोसा मिलेगा.
CJI की अध्यक्षता में चल रही है कॉन्फ्रेंस
जिला अदालतों की नेशनल कॉन्फ्रेंस दो दिनों तक चलेगी. सुप्रीम कोर्ट इसका आयोजन कर रही है. दो दिनों तक चलने वाली कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिला अदालतों से 800 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए हैं.
खबरों के अनुसार कॉन्फ्रेंस में पांच सत्र आयोजित किये जाने हैं. पहले दिन आज अदालतों के इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन को बढ़ाने के तरीकों की खोज पर चर्चा की जारही है. साथ ही जजों की सुरक्षा और कल्याणकारी पहलुओं पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल शामिल हुए हैं.
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