बांग्लादेश से सबक सीखिए, बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे : योगी आदित्यनाथ
Agra : बांग्लादेश से सबक सीखिए, एक रहना है, बंटना नहीं है. बंटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आगरा में जन्माष्टमी के अवसर पर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर लोगों से यह बात कही. #WATCH | Agra: Uttar Pradesh […] The post बांग्लादेश से सबक सीखिए, बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे : योगी आदित्यनाथ appeared first on lagatar.in.

Agra : बांग्लादेश से सबक सीखिए, एक रहना है, बंटना नहीं है. बंटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आगरा में जन्माष्टमी के अवसर पर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर लोगों से यह बात कही.
#WATCH | Agra: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, “Nothing can be above the nation. And the nation will be empowered only when we are united. ‘Batenge to Katenge’. You are seeing what is happening in Bangladesh. Those mistakes should not be repeated here… ‘Batenge to… pic.twitter.com/OMVP4NxVJB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 26, 2024
राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हम एक होंगे
इस क्रम में उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं है. राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हम एक होंगे. बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा…वहां देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए. बंटेंगे तो कटेंगे. एक रहेंगे-नेक रहेंगे. सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचेंगे.
दुर्गादास का नाम मारवाड़, एमपी में अमर है
योगी ने कहा, हमें समाज, जाति, भाषा के नाम पर बांटने वाली ताकतों से सावधान रहना होगा. दुर्गादास राठौर का यही संकल्प था. आगरा के कण कण में कन्हैया का वास है. यहां कला है, आस्था है, समर्पण है, विश्वास है. ये ही राष्ट्र निष्ठा बढ़ाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गादास का नाम मारवाड़, एमपी में अमर है. हमें महापुरुषों का नाम याद रखना होगा. 10 साल से मूर्ति मेरा इंतजार कर रही थी. जिस दिन कृष्ण आये, उस दिन लोकार्पण हुआ.
क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकुमत को चुनौती दी थी
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि देश की आजादी के लिए 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर अंग्रेजी हुकुमत को चुनौती दी थी. अंग्रेजी हुकूमत हिल गयी थी. रामप्रसाद बिस्मिल को जब फांसी दी जा रही थी तब उनसे अंतिम इच्छा पूछी गयी थी.तब बिस्मिल जी ने कहा- इस भारतवर्ष में सौ बार मेरा जन्म हो और मौत का कारण सदा ही देश उपकार कर्म हो. बार-बार इस हिंदुस्तान की धरती पर जन्म लूं.
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