ग्लोबल साउथ सम्मेलन : पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद गंभीर खतरा…
NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विकासशील देशों में, विशेषकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. मोदी ने तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन में अपने शुरुआती भाषण में इसमें भाग ले रहे देशों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र समेत विभिन्न अहम क्षेत्रों […] The post ग्लोबल साउथ सम्मेलन : पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद गंभीर खतरा… appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विकासशील देशों में, विशेषकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. मोदी ने तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन में अपने शुरुआती भाषण में इसमें भाग ले रहे देशों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र समेत विभिन्न अहम क्षेत्रों में पूर्ण समर्थन देने की भारत की अटूट प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया.
VIDEO | “Today, on behalf of India, I would like to propose to you a comprehensive Global Development Compact. The Compact is based on India’s experience of development and growth partnerships. The Compact is inspired by the development priorities set by the countries of the… pic.twitter.com/iZpBPT8kOe
— Press Trust of India (@PTI_News) August 17, 2024
भारत ने डिजिटल रूप से सम्मेलन की मेजबानी की
भारत ने डिजिटल रूप से इस सम्मेलन की मेजबानी की. प्रधानमंत्री ने कहा, आज हम ऐसे वक्त में बैठक कर रहे हैं, जब चारों ओर अनिश्चितता का माहौल है. दुनिया अब भी पूरी तरह से कोविड-19 के प्रभाव से बाहर नहीं आयी है. दूसरी ओर, युद्ध की स्थिति ने हमारी विकास यात्रा के लिए चुनौतियां पैदा कर दी है. उन्होंने कहा, हम न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि अब स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं. प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद की चुनौतियों का भी जिक्र किया.
यह विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच है
उन्होंने कहा, आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद हमारे समाज के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं.मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी विभाजन और प्रौद्योगिकी से जुड़ी नयी आर्थिक व सामाजिक चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. पिछली शताब्दी में स्थापित वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान वर्तमान शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं. मोदी ने कहा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच बन गया है.
भारत ने विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से जी20 को आगे बढ़ाया है
उन्होंने कहा कि जी20 के भारत के नेतृत्व में हमने ग्लोबल साउथ की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं व प्राथमिकताओं के आधार पर एजेंडा बनाया. मोदी ने कहा कि भारत ने विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से जी20 को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा, ग्लोबल साउथ की ताकत उसकी एकता में है. इसी एकता के बल पर हम नयी दिशा की ओर बढ़ेंगे.उन्होंने कहा, वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां हम उन लोगों की जरूरतों, आकांक्षाओं को आवाज देते हैं, जिन्हें अभी तक अनसुना किया गया है.
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