चिदंबरम ने कहा, राणा के प्रत्यर्पण में मोदी सरकार की भूमिका नहीं, यह कांग्रेस सरकार की ईमानदार कोशिश का फल
NewDelhi : मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाये जाने को लेकर भाजपा- कांग्रेस के बीच बयानबाजी शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने आरोप लगाया कि तहव्वुर राणा को भारत लाने का श्रेय UPA सरकार ले रही है On a day when we must […]

NewDelhi : मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाये जाने को लेकर भाजपा- कांग्रेस के बीच बयानबाजी शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने आरोप लगाया कि तहव्वुर राणा को भारत लाने का श्रेय UPA सरकार ले रही है
On a day when we must spare a thought for Human Rights of Victims of 26/11
Congress stalwart Prithviraj Chavan says“We demand that just like there was a proper trial under Indian laws for Kasab, he had the right to speak for himself and have a lawyer – he was given a lawyer… pic.twitter.com/qVXV1gsGee
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) April 10, 2025
लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार की मेहनत के कारण ही राणा को भारत लाया जा सका है, चिदंबरम ने आज गुरुवार को इस संदर्भ में जारी अपने बयान में कहा कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक राणा को आज भारत लाया गया, लेकिन पूरी कहानी यह है कि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है, जबकि सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है.
चिदंबरम के अनुसार तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण यूपीए सरकार की डेढ़ दशक की परिश्रमी और रणनीतिक कूटनीति का परिणाम है. चिदंबरम ने हमलावर होते हुए कहा कि राणा के प्रत्यर्पण में मोदी सरकार का इसमें कोई योगदान नहीं है, इस प्रक्रिया की शुरुआत हमने की थी.
कांग्रेस सरकार की ईमानदार कोशिश से सबसे खतरनाक अपराधी को कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सका है.
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने 25 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले का पूरा श्रेय लेने का प्रयास किया, लेकिन सच्चाई इससे अलग है. यह यूपीए सरकार के परिश्रम के कारण सफल हो सका है
इसके उलट भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के समय आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाया जा रहा था. कांग्रेस को वोट बैंक छिटकने का डर सता रहा था.
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि आतंकी हमलों के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के बजाय 2004 से 2014 के बीच आतंती हमलों का दोष भारतीय एजेंसियों और नागरिकों पर मढ़ दिया गया.
पूनावाला ने आरोप लगाया कि कि कांग्रेस मुंबई हमलों के बाद आतंकियों पर कार्रवाई करने की बजाय आतंकवाद पर वाइटवॉशिंग करने और आतंकियों को क्लीन चिट देने में शामिल थी.
आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते के पूर्व सदस्य हेमंत करकरे की हत्या आतंकवादी अजमल कसाब ने नहीं, बल्कि एक पुलिस वाले ने की थी।
पूनावाला ने कहा, जब राणा का प्रत्यर्पण किया जा रहा है, तो इस कदम का स्वागत करने के बजाय, कांग्रेस देश की जीत पर खुशी मनाने के बजाय वोट बैंक की राजनीति में लग गयी है. इस क्रम में दावा किया कि पूर्व वायु सेना प्रमुख फली होमी मेजर को मुंबई हमले के बाद कार्र्वाई करने से कथित रूप से मना किया गया था,
क्योंकि आतंकी शिविरों पर हमला करने से दूसरों को राजनीतिक लाभ मिलता. दावा किया कि भारतीय रक्षा और सुरक्षा बलों को कार्र्वाई करने से रोका गया था. कहा कि यह बात फली मेजर ने कही थी. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और वरिष्ठ कांग्रेस सांसद की किताबों से भी इसकी पुष्टि होती है.
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