टेसू के फूल से बने रंगों से खेलेंगे होली, तो नहीं होगी स्किन प्रॉब्लम
Lagatar Desk : होली रंगों का त्योहार है. बिना रंगों के होली की कल्पना नहीं की जा सकती है. कई लोग एलर्जी या फिर चेहरा खराब होने के डर से होली नहीं खेलते हैं. लेकिन इस बार डर के कारण आपका होली का मजा किरकिरा नहीं होगा. क्योंकि आज हम आपको प्राकृतिक रूप से बने […]

Lagatar Desk : होली रंगों का त्योहार है. बिना रंगों के होली की कल्पना नहीं की जा सकती है. कई लोग एलर्जी या फिर चेहरा खराब होने के डर से होली नहीं खेलते हैं. लेकिन इस बार डर के कारण आपका होली का मजा किरकिरा नहीं होगा. क्योंकि आज हम आपको प्राकृतिक रूप से बने रंगों के बारे में बतायेंगे, जिससे आपकी त्वचा को नुकसान नहीं होगा.
टेसू के फूल (पलाश) में औषधिय गुण होते हैं. यह सस्ते और अच्छे होने के साथ बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिन्हें भिगोकर कई तरह के रंग तैयार किये जा सकते हैं. प्राकृतिक रंगों से होली खेलने में आनंद तो है ही. साथ ही इससे आपकी त्वचा को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा.
कैसे बनाते हैं टेसू के फूलों से रंग
टेसू के फूल आसानी से हर जगह पंसारी की दुकान या सामान्य दुकानदारों के पास मिल जाते हैं. टेसू के पेड़ में जब फूल खिलता है तो इसे तोड़कर छांव में सुखाया जाता है. इससे बाद इन सूखे फूलों को भविष्य में प्रयोग करने के लिये रखते हैं.
होली के लिए रंग बनाने के लिए, पहले टेसू के फूलों को अच्छे से सुखाएं, अगर सूखे फूल हैं तो आपको उसे सुखाने की जरूरत नहीं है. 100 ग्राम पलाश के सूखे फूल को पानी में उबाल कर या रात भर भिगो कर रात भर रखें. इसमें आप गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर भी डाल सकते हैं. इसके बाद इसे छानकर होली खेले.
टेसू के फूलों की होली का इतिहास भी है. कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के युग में भी टेसू के फूलों से बने रंगों से होली खेली जाती थी. वेदों में भी पलाश के औषधीय गुणों का विस्तार से वर्णन किया गया है.
टेसू के फूल के फायदे
टेसू के फूल का पाउडर या उसका पानी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह त्वचा को निखारने में मदद करता है और दाग-धब्बे कम करता है. चूंकि यह केमिकल फ्री होता है, इसलिए इसे लगाने पर जलन नहीं होती. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और हाइड्रेशन गुण होते हैं.
दाग-धब्बों से छुटकारा : टेसू के फूल का रंग लगाने से आपकी त्वचा पर कोई दाग नहीं होता. इससे होली खेलने से चेहरे पर सॉफ्टनेस आएगी और त्वचा भी डल नहीं होगी.
रेडनेस से राहत : टेसू के फूल से बने रंग नैचुरल होते हैं, जिससे होली का मजा और बढ़ जाता है. इससे खोली खेलने से आपकी स्किन पर रेडनेस नहीं होती.
दाने की समस्या नहीं : होली खेलने के बाद अक्सर त्वचा पर दाने हो जाते हैं, लेकिन अगर आप टेसू के फूल के पानी का इस्तेमाल करेंगी, तो यह समस्या नहीं होगी. यह नैचुरल तरीके से बनाया जाता है और बच्चों के लिए भी सुरक्षित है.
होली खेलते वक्त बरतें सावधानियां :
- – होली के दिन पूरी तरह शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें.
- – होली खेलने से पहले शरीर पर तेल लगा लें.
- – रंगों से बचाने के लिए बालों पर विशेष ध्यान दें, बालों में अच्छी किस्म का तेल लगाएं.
- – नाखूनों पर रंग चढ़ने के बाद जल्दी साफ नहीं होता है, इसलिए नाखूनों पर वैसलीन लगाएं.
- – होली पर रंग खरीदते समय ध्यान रखें, रंग गहरा और सस्ता न हो.
- – हरा, बैंगनी, लाल रंग नहीं खरीदकर हल्के रंग खरीदें.
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