रांची: बिजली ने किया बेदम, लोगों का रात में सोना भी मुहाल
Ranchi: Electricity has left people breathless, making it difficult for them to sleep at night Ranchi: राजधानी की बिजली व्यवस्था बिगड़ी हुई है. बढ़ती गर्मी में दिन रात बिजली की कटौती से शहरवासी काफी परेशान हैं. दिन में जहां घंटे-दो घंटे के लिए बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है, वहीं रात के समय में आठ […]
Ranchi: Electricity has left people breathless, making it difficult for them to sleep at night
Ranchi: राजधानी की बिजली व्यवस्था बिगड़ी हुई है. बढ़ती गर्मी में दिन रात बिजली की कटौती से शहरवासी काफी परेशान हैं. दिन में जहां घंटे-दो घंटे के लिए बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है, वहीं रात के समय में आठ व नौ बजे से ही बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है. यह आंख मिचौली कभी रात 12.30 बजे, कभी दो बजे, तो कभी तीन बजे भोर तक जारी रहता है. मई के अंतिम सप्ताह में गर्मी भी चरम पर है. हर दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री व उसके ऊपर ही रह रहा है. ऐसे में बिना पंखे व गुलर के रात गुजार बहुत मुश्किल हो रहा है.
रात 3 बजे तक आती जाती रही बिजली, बच्चे अधिक परेशान : किरण
हरमू निवासी किरण तिर्की ने कहा कि मंगलवार की रात काफी गर्मी थी और बिजली की आंख मिचौली से हालत खराब हो गई. बिजली की आवाजाही रात के तीन बजे तक लगी रही. इस कारण बहुत परेशानी हुई. रात में घर से बाहर निकल कर सड़क में बच्चे को लेकर घूम रहे थे. गर्मी से बच्चा सो नहीं पा रहा था. बिजली वालों को कम से कम रात में लाइट नहीं काटनी चाहिये, हम लोग बिल तो जमा करते हैं.
रांची के बिजली गांव के समान : मो फैज
चर्च रोड निवासी मो फैज ने कहा कि गर्मी से तो ऐसे ही परेशान हैं और ऊपर से रांची की बिजली ने तो बेदम कर रखा है. दिन में भी यही हाल है और रात में भी आती-जाती रहती है. इससे सबसे अधिक परेशानी बच्चों को होती है. राजधानी बने 24 साल हो गये, पर यहां की बिजली तो गांव के जैसी ही है. सरकार को बिजली की लचर व्यवस्था को गंभीरता से ले कर ठीक करने की जरूरत है.
24 साल तो हो गये झारखंड बने कब सुधरेगी की यहां की बिजली : मंजूर
हिंदपीढ़ी निवासी मंजूर आलम ने कहा कि बिजली की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है. गर्मी में बिजली का लोड बढ़ जाता है. ठीक है, बिल भी तो लोग अधिक ही जमा करते हैं. लेकिन इसमें सुधार नहीं है. पूछने पर कहा जाता है कि लोड बढ़ने से बिजली काटी गई है, पावर कट हो गया है. अरे भई इसमें सुधार आखिर कब कीजियेगा. झारखंड बने 24 साल होने जा रहे हैं.
दूर का गांव कसबा नहीं यह शहर रांची है, बिजली बेदम तो क्या : सत्यम
नाजिर अली लेन निवासी सत्यम कुमार ने कहा कि शहर में रहने के बावजूद गांव के समान बिजली की आपूर्ति है. अन्य मौसम में उतना नहीं खलता है, लेकिन गर्मी में रात के समय बिजली की आंख मिचौली बहुत खलती है. क्योंकि दिन भर काम कर घर वापस आने के बाद में भी आराम नहीं कर पाते हैं. हम दूर गांव कस्बे में नहीं रहते हैं. यहां की सड़कों में लाल, पीली बत्ती वाली गाड़ियां सरपट दौड़ती रहती हैं. नेता, मंत्री, आला अधिकारी सभी इसी शहर में रहते हैं, पर बिजली तब भी बेदम है.
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