रांची: सोहराई भवन में फर्स्ट मार्क स्कूल का मनाया गया 13वां वार्षिकोत्सव
Ranchi: फर्स्ट मार्क स्कूल द्वारा सोहराई भवन सभागार में “संसृति” 2025 में 13वां वार्षिकोत्सव कार्यक्रम समारोह का आयोजन शनिवार को किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि डिप्टी कमिश्नर (उपायुक्त) मंजुनाथ भजंत्री शामिल हुए. आदिवासी रीति रिवाज से स्वागत किया गया. मुख्य अतिथि एवं प्रशासक प्रमोद कुमार ओर मेंटर रंजीत पाठक ने दीप प्रज्जवलित कर […]

Ranchi: फर्स्ट मार्क स्कूल द्वारा सोहराई भवन सभागार में “संसृति” 2025 में 13वां वार्षिकोत्सव कार्यक्रम समारोह का आयोजन शनिवार को किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि डिप्टी कमिश्नर (उपायुक्त) मंजुनाथ भजंत्री शामिल हुए. आदिवासी रीति रिवाज से स्वागत किया गया. मुख्य अतिथि एवं प्रशासक प्रमोद कुमार ओर मेंटर रंजीत पाठक ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. बुके देकर विधिपूर्वक स्वागत किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत में गणेश वंदना से की गई. एलकेजी औऱ यू केजी के छात्राओं ने मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. बच्चों ने नागपुरी नृत्य, एल्फाबेट, बारिश आधारित नृत्य प्रस्तुत किया. वही अंग्रेजी नाटक सक्सेस तथा भारतीय संस्कृति पर आधारित हिंदी नाटक के मंचन किया. श्रेष्ठ अभिभावक का अवार्ड बिनोद कुमार, लक्ष्य कुमार कक्षा छह के छात्र एवं मोहम्मद मेराज शम्सी मायरा शम्स कक्षा प्ले ग्रुप को दिया गया.
विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
विद्यालय का वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत किया गया. सत्र 2024- 2025 के शैक्षणिक उपलब्धियों प्रस्तुत किया. छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विविध प्रयासों विभिन्न योजनाओं से मुख्य अतिथियों औऱ अभिभावकों को अवगत कराया गया. बताया गया कि विद्यालय के बच्चे सालोंभर खेलकूद एवं सीबीएसई के द्वारा निर्देशित NEP को ध्यान में रखकर करिकुलर एक्टिविटीज में बच्चे भाग लेते हैं. कई संस्था के द्वारा समय-समय पर कंपटीशन कराया जाता है. इसमें कविता प्रतियोगिता, ओलंपियाड परीक्षा, ड्राइंग कंपटीशन शामिल है. विद्यालय में छात्रों का प्राप्तांक 90% से 94% तक रहा है.
छोटे बच्चे भविष्य के देश के शिल्पकार हैंः डीसी
वार्षिक प्रदर्शन एवं एनुअल फंक्शन में प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मंजूनाथ भजंत्री प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटे बच्चे भविष्य के देश के शिल्पकार हैं. भारत को विश्वगुरु बनने में इनका भी अहम योगदान रहेगा. नाट्य प्रस्तुति हमारी परवरिश के द्वारा यह दर्शाया गया. जैसी परवरिश अपने बच्चों को देंगे. उसका उसी अनुसार फल माता पिता को मिलता है.
शिक्षा के क्षेत्र में भारत दुनिया में नंबर वन हैः रंजित
मेंटर रंजीत पाठक ने कहा कि वार्षिकोत्सव विद्यार्थियों को कला कौशल तथा क्षमताओं के प्रदर्शित करने का माध्यम होता है. बच्चों की क्षमताओं से पता चलता है. कि आज देश की अखंडता और एकता को पूरी दुनिया लोहा मान रहा है. आज के छात्र डिजिटल दुनिया में भी महारत हासिल कर रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में भारत दुनिया में नंबर वन है.
विद्यालय की स्थापना 2007 में हुई थी
प्रशासक प्रमोद कुमार ने बताया कि विद्यालय की स्थापना 2007 में हआ था. प्रत्येक वर्ष विद्यालय अग्रसर बढ़ता जा रहा है. यह विद्यालय आसपास के क्षेत्र के अभिभावकों के लिए एक वरदान के रूप में साबित हो रहा है. न्यूनतम फीस के साथ अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में अपने बच्चों का एडमिशन कराकर अपने सपनों को उड़ान देने में सक्षम है. यहां से छात्र अपने प्रतिभा के बल पर उनके विद्यालय के बच्चे अन्य बच्चों की तरह मेडिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं.
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