विपक्षी सदस्यों का राज्यसभा से वाकआउट, धनखड़ ने कहा, यह लोकतंत्र और सदन का अपमान, निंदा प्रस्ताव पारित

NewDelhi :  आज शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने अपनी बात रखने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए हो हंगामे के बीच राज्यसभा से बहिर्गमन कर दिया. सदन में हुए घटनाक्रम को सेकर सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा, प्रजातंत्र के मूल्यों का इस तरह से हनन नहीं होना चाहिए. मैं चाहूंगा कि […] The post विपक्षी सदस्यों का राज्यसभा से वाकआउट, धनखड़ ने कहा, यह लोकतंत्र और सदन का अपमान, निंदा प्रस्ताव पारित appeared first on lagatar.in.

Aug 10, 2024 - 05:30
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विपक्षी सदस्यों का राज्यसभा से वाकआउट, धनखड़ ने कहा, यह लोकतंत्र और सदन का अपमान, निंदा प्रस्ताव पारित

NewDelhi :  आज शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने अपनी बात रखने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए हो हंगामे के बीच राज्यसभा से बहिर्गमन कर दिया. सदन में हुए घटनाक्रम को सेकर सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा, प्रजातंत्र के मूल्यों का इस तरह से हनन नहीं होना चाहिए. मैं चाहूंगा कि सदन इस बारे में निंदा प्रस्ताव पारित करे. उन्होंने सदन में एक निंदा प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करना इस सदन का दायित्व है. सदन आज की घटना की सर्वसम्मति से निंदा करता है. निंदा प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी.

जेपी नड्डा, शिवराज चौहान, देवेगौड़ा ने विपक्ष के आचरण की निंदा की

सदन के नेता जे पी नड्डा, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व प्रधानमंत्री और जद(एस) के एचडी देवेगौड़ा, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले, टीएमसी (एम) जी के वासन, जद(यू) के संजय कुमार झा, बीआरएस के के सुरेश रेड्डी तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने भी विपक्षी सदस्यों के आचरण की निंदा की.

भाजपा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में सदन में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी

मामले का तह में जायें तो उच्च सदन में शुक्रवार को शून्यकाल समाप्त होने और प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि कुछ दिन पहले भाजपा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बारे में सदन में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और इस बारे में सभापति धनखड़  ने कहा था कि वह अपनी व्यवस्था देंगे. कांग्रेस सदस्यों ने दावा किया कि तिवाड़ी का लहजा और उनके शब्द संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं थे. इसी मुद्दे पर आसन की अनुमति से द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने अपनी बात रखी और फिर सभापति ने सपा सदस्य जया बच्चन के अनुमति मांगने पर उनसे बोलने को कहा.

जया ने श्री धनखड़  के टोन को लेकर कहा,  मैं जया अमिताभ बच्चन यह बोलना चाहती हूं. मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं, एक्सप्रेशन (भाव भंगिमा) समझती हूं. और महोदय, मुझे माफ कीजियेगा. मगर आपका टोन जो है, यह स्वीकार्य नहीं…. हम सहयोगी हैं, आप आसन पर हो सकते हैं,

आप भले ही सेलिब्रिटी हों, आपको नियम समझने होंगे. मैं यह सहन नहीं करूंगा

जया अपनी बात पूरी नहीं कर पायी और सभापति ने उन्हें बैठने के लिए कहा. सभापति ने कहा, ‘जया जी, आपने बहुत ख्याति हासिल की है. आप जानती हैं कि कलाकार निर्देशक के अनुसार काम करता है. आप वह नहीं देखतीं जो मैं यहां से देखता हूं. हर दिन… मैं दोहराना नहीं चाहता. मैं स्कूलिंग नहीं चाहता. मैं वह व्यक्ति हूं जो आउट ऑफ द वे गया. और आप कहती हैं कि मेरी टोन….. इसी बीच जया ने कुछ कहना चाहा. सभापति ने उन्हें रोकते हुए कहा, ‘‘बहुत हो गया. आप कोई भी हों, आप भले ही सेलिब्रिटी हों, आपको नियम समझने होंगे. मैं यह सहन नहीं करूंगा. कभी ऐसा दिखाने की कोशिश न करें कि आप ही ने ख्याति अर्जित की है. हम सभी यहां ख्याति अर्जित करके आये हैं. सदन में मौजूद विपक्ष की एक सदस्य ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन में वह (जया) सेलिब्रिटी नहीं बल्कि वरिष्ठ सदस्य हैं.

संसद के वरिष्ठ सदस्य के पास क्या आसन की गरिमा गिराने  का लाइसेंस होता है?

इस पर सभापति ने कहा कि संसद के वरिष्ठ सदस्य के पास क्या आसन की गरिमा को गिराने का, आसन की व्यवस्था पर सवाल उठाने का लाइसेंस होता है? सभापति ने अपने लहजे, अपनी आदत, अपने मिजाज को लेकर सदस्यों की टीका टिप्पणियों पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह किसी के कहने पर नहीं बल्कि अपने अनुसार, सदन के नियमों के अनुसार चलेंगे. जया बच्चन ने भी कुछ कहना चाहा लेकिन सभापति ने उन्हें अनुमति नहीं दी. इस बीच विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. सभापति ने कहा,

आप पूरे देश को अस्थिर करना चाहते हैं

मैं जानता हूं कि आप पूरे देश को अस्थिर करना चाहते हैं. आप सदन में अव्यवस्था फैलाना चाहते हैं. मैं इस सदन को हंगामे की जगह नहीं बनने दूंगा. सभापति ने ऐसा कहने पर विपक्षी सदस्य विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर गये. धनखड़ ने कहा कि उनका (विपक्षी सदस्यों का) यह आचरण लोकतंत्र और सदन का अपमान है और वे अपनी जिम्मेदारी तथा दायित्वों से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे (विपक्षी सदस्य) सदन के कामकाज में भाग नहीं लेना चाहते, वे केवल हंगामा करना चाहते हैं. सभापति ने कहा, देश प्राथमिकता होनी चाहिए, देश सर्वोपरि होना चाहिए.

सभापति धनखड़ ने कहा , यह आचरण एक वायरस की तरह है

सभापति धनखड़ ने कहा यह आचरण एक वायरस की तरह है. अगर इस वायरस को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह हमारे लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक होगा. वे (विपक्षी सदस्य) मेरा नहीं बल्कि देश की जनता का अपमान करते हैं. मैं हर दिन सोचता हूं कि मैं और लचीलापन रखूंगा. लेकिन एक सीमा के बाद तो भगवान कृष्ण भी नजर अंदाज नहीं कर सकते. सभापति ने कहा, मैं भगवान कृष्ण नहीं हूं, मुझे सदन का सहयोग चाहिए. सदन के नेता नड्डा ने कहा, प्रजातंत्र के मूल्यों का इस तरह से हनन नहीं होना चाहिए. मैं चाहूंगा कि सदन इस बारे में निंदा प्रस्ताव पारित करे. उन्होंने सदन में निंदा प्रस्ताव पेश करते किया. कहा कि  लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करना इस सदन का दायित्व है. सदन आज की घटना की सर्वसम्मति से निंदा करता है. निंदा प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी.

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