संभल हिंसा : न्यायिक जांच समिति के सदस्य शाही जामा मस्जिद पहुंचे…जांच शुरू की

Sambhal : खबर है कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति के सदस्य आज रविवार को घटनास्थल पर पहुंचे. समिति के सदस्यों ने हिंसाग्रस्त इलाके का मुआयना किया. उनके साथ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सदलबल मौजूद थे. जान लें कि 24 नवंबर को संभल […]

Dec 1, 2024 - 17:30
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संभल हिंसा : न्यायिक जांच समिति के सदस्य शाही जामा मस्जिद पहुंचे…जांच शुरू की

Sambhal : खबर है कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति के सदस्य आज रविवार को घटनास्थल पर पहुंचे. समिति के सदस्यों ने हिंसाग्रस्त इलाके का मुआयना किया. उनके साथ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सदलबल मौजूद थे. जान लें कि 24 नवंबर को संभल जिले की शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण को लेकर हिंसा भड़क गयी थी. कड़ी सुरक्षा के बीच तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति के सदस्यों ने निरीक्षण करने शाही जामा मस्जिद में में प्रवेश किया.

सुप्रीम कोर्ट ने संभल ट्रायल कोर्ट की  कार्रवाई पर रोक लगाई 

याद करें कि 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर संभल ट्रायल कोर्ट से कहा था कि शाही जामा मस्जिद के खिलाफ मुकदमे में मस्जिद कमेटी द्वारा सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दायर याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में सूचीबद्ध होने तक आगे का कार्र्वाई ना करें इससे पहले कल शनिवार को संभल हिंसा की जांच करने के लिए न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष सहित दो सदस्य मुरादाबाद के सर्किट हाउस पहुंचे.

मंडलायुक्त, डीआईजी सहित अन्य अधिकारी आयोग के सदस्यों से मिले

संभल के मंडलायुक्त, डीआईजी सहित अन्य अधिकारी आयोग के सदस्यों से मिले और संभल हिंसा की जानकारी साझा की. इससे पहले कोर्ट के आदेश पर कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में सर्वे टीम 24 नवंबर को संभल स्थित जामा मस्जिद के अंदर गयी थी. जांच के दौरान लोगों ने सर्वे टीम का विरोध किया था. इसके बाद पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने पर हिंसा भड़ गयी, गुस्सायी भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया.. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान फायरिंग भी हुई. पांच लोगों की मौत हो गयी. पुलिस के अनुसार भीड़ की ओर से फायरिंग की गयी थी.

योगी सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं.

योगी सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं. आयोग के गठन का आदेश उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था. 28 नवंबर को अधिसूचना के जरिए गठित आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. इस समयसीमा को बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यी कमेटी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. आयोग के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं.

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