हे भगवान…ये सैमफोर्ड अस्पताल है या जल्लाद खाना
बोकारो से इलाज कराने आयी मरीज की मौत के बाद बाउंसरों ने परिजनों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा 7 लाख वसूला, तीन भाइयों और दो बहनों को न सिर्फ पीटा, बदसलूकी भी की, सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज Ranchi : बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 9 निवासी हनुमाला देवी (61) को हाई ब्लड प्रेशर व शुगर […] The post हे भगवान…ये सैमफोर्ड अस्पताल है या जल्लाद खाना appeared first on lagatar.in.
- बोकारो से इलाज कराने आयी मरीज की मौत के बाद बाउंसरों ने परिजनों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा
- 7 लाख वसूला, तीन भाइयों और दो बहनों को न सिर्फ पीटा, बदसलूकी भी की, सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज
Ranchi : बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर 9 निवासी हनुमाला देवी (61) को हाई ब्लड प्रेशर व शुगर की शिकायत थी. तबीयत खराब होने पर परिजन 27 जुलाई को उन्हें बोकारो से बेहतर इलाज के लिए रांची लेकर पहुंचे. कोकर चौक के पास स्थित सैमपोर्ड अस्पताल में हनुमाला देवी को भर्ती कराया गया. 19 दिनों तक उनका अस्पताल में इलाज चलता रहा. अस्पताल प्रबंधन ने इलाज मद में सात लाख रुपये परिजनों से वसूले, लेकिन मरीज की जान बचायी न जा सकी. मंगलवार को दोपहर 12.30 बजे मरीज की मौत हो गयी. परिजनों ने डॉक्टरों से मौत का कारण जानना चाहा तो अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. परिजनों ने इलाज की पर्ची व फाइल देखनी चाही तो उनके साथ बदसलूकी की गयी. इस बीच महिला की एक बेटी ने इलाज की फाइल हासिल कर ली और उसे अपने शरीर में छिपा लिया. इस बीच अस्पताल प्रबंधन ने आधा दर्जन बाउंसरों को उसके पीछे लगा दिया. बाउंसर मृतिका हनुमाला देवी के तीनों बेटों और दो बेटियों को आईसीयू से बाहर ले गये और लात-घूसे बरसाने लगे. कहने लगे- यहां हो हल्ला मत करो, नहीं तो मारकर नक्शा बिगाड़ देंगे. बाउसरों के घूसे से मृतका के बेटे संजय प्रसाद सिंह के आंख के ऊपर गहरा जख्म हो गया. इसके बाद बाउसरों ने दोनों बेटों व दोनों बेटियों को भी खदेड़ कर पीटना शुरू कर दिया. बाउंसर फाइल हासिल करना चाहते थे. बाद में हनुमाला देवी की बेटी को एक कमरे में ले गये और इलाज की पर्ची छीन लिया और मारते बाहर निकाल दिया. इस संबंध में पीड़ितों ने सदर थाना में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दोपहर 12.30 बजे से दो बजे तक मारपीट की
मृतका के मंझले बेटे अजीत प्रसाद ने बताया कि दोपहर 12.30 बजे से लगभग 2 बजे तक उनके साथ मारपीट की गयी. थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद वे एंबुलेंस से मां का शव लेकर बोकारो के लिए निकले, तो रास्ते में एंबुलेंस चालक को अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने फोन कर रोक दिया. किसी तरह हाथ पैर जोड़ कर उन्होंने एंबुलेंस चालक को बोकारो चलने को कहा. दरअसल अस्पताल प्रबंधन उन पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे, लेकिन उन लोगों ने उनकी बात नहीं सुनी. मां का शव लेकर बोकारो लौट गये. अजीत ने बताया कि बाउंसरों ने उनकी दोनों बहनों रानी सिंह और रेका सिंह से भी मारपीट की. उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. वे केस करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दे रहे थे.
मां के शरीर का पिछला हिस्सा सड़ गया था, पूछने पर बिफरे डॉक्टर
बेटे अजीत ने बताया मरीज से मिलने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने दोपहर 12 का टाइम दे रखा था. जब वे लोग मां को देखने आईसीयू में पहुंचे, तो देखा नर्स मां की छाती पर पंप कर रही है. फिर वे मां को छोड़कर चली गयीं. अजीत ने बताया कि जब वे मां के पास पहुंचे, उनके शरीर को छू कर देखा, तो पाया कि शरीर ठंडा हो चुका था. मां की मौत हो चुकी थी. उन्होंने मां के शरीर को देखा, तो पाया कि शरीर का पिछला हिस्सा सड़ चुका है. शरीर सड़ने का कारण पूछने पर आईसीयू के डॉक्टर बहानेबाजी करने लगे. कोई कुछ जवाब नहीं दे रहा था. इस बीच उनकी बहन रेखा ने मां के इलाज से संबंधित फाइल अपने पास छिपा कर रख ली, तो डॉक्टरों ने बाउंसरों को बुलवा लिया. आधा दर्जन बाउंसर तीनों भाइयों और दोनो बहनों को घसीट कर बाहर ले गया और मारपीट करने लगे. बाउंसर इलाज से संबंधित फाइल हासिल करने के लिए जान से मारने की धमकी दे रहे थे. बहन के साथ भी बदसलूकी की. तो उनलोगों ने केस दर्ज कराया. घटना के संबंध में अस्पताल प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.
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