CBI जांच में खुलासा, 1st & 2nd JPSC में अभ्यर्थियों की कॉपी में की गयी ओवरराइटिंग, इंटरव्यू में भी दिये गये ज्यादा नंबर

Vinit Abha Upadhyay Ranchi :  सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है कि पहली और दूसरी जेपीएससी की परीक्षा में जबरदस्त धांधली की गयी है. ट्रायल कोर्ट से पहले सीबीआई ने हाईकोर्ट ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि लगभग 100 अभ्यर्थियों की […]

Nov 27, 2024 - 17:30
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CBI जांच में खुलासा, 1st & 2nd JPSC में अभ्यर्थियों की कॉपी में की गयी ओवरराइटिंग, इंटरव्यू में भी दिये गये ज्यादा नंबर

Vinit Abha Upadhyay

Ranchi :  सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है कि पहली और दूसरी जेपीएससी की परीक्षा में जबरदस्त धांधली की गयी है. ट्रायल कोर्ट से पहले सीबीआई ने हाईकोर्ट ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि लगभग 100 अभ्यर्थियों की कॉपी में ओवरराइटिंग कर और उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ कर न सिर्फ नंबर बढ़ाये गये,  बल्कि उन्हें इंटरव्यू में भी ज्यादा नंबर दिये गये. इस बात की पुष्टि एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री) की जांच में भी हुई है. इस सब में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, जेपीएससी के तत्कालीन सदस्य राधा गोविंद नागेश और को ऑर्डिनेटर परमानंद सिंह की भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी.

CBI ने करीब 12 साल बाद सेकेंड JPSC नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी कर दाखिल की चार्जशीट

सेकेंड जेपीएससी नियुक्ति घोटाला मामले सीबीआई ने करीब 12 साल बाद अपनी जांच पूरी कर रांची सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत 70 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. चार्जशीट में ऐसे अधिकारियों का नाम भी है, जो प्रमोशन पाकर डीएसपी से एसपी बन चुके हैं. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है कि जेपीएससी के तत्कालीन सदस्य और को-आर्डिनेटर के कहने पर 12 परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ा दिये गये थे. कई अभ्यर्थियों की कॉपियों में काट-छांट कर नंबर बढ़ाये गये और सफल उम्मीदवारों के इंटरव्यू में मिले वास्तविक नंबर को भी बढ़ाया गया. सीबीआई की चार्जशीट में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह, शांति देवी, राधा गोविंद सिंह नागेश, एलिस उषा रानी सिंह, अरविंद कुमार, सोहन राम, प्रशांत कुमार लायक, राधा प्रेम किशोर, विनोद राम, हरि शंकर बराईक, हरि शंगर सिंह मुंडा, रवि कुमार कुजुर, मुकेश कुमार महतो, एसए खन्ना, बटेश्वर पंडित, कोआर्डिनेटर परमानंद सिंह, अल्बर्ट टोप्पो, एस अहमद, नंदलाल, कुंदन कुमार सिंह, मौसमी नागेश, कानुराम नाग, लाल मोहन नाथ शाहदेव, प्रकाश कुमार, कुमारी गीतांजलि, संगीता कुमारी, रजनिश कुमार, शिवेंद्र, संतोष कुमार चौधरी, कुमार शैलेंद्र और हरि उरांव का नाम शामिल है. बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान वर्ष 2012 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.

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