अमेरिकी अदालत के आरोप का साइड इफेक्ट, केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ हजारों करोड़ की डील रद्द की

NewDelhi : अमेरिकी अदालत के रिश्वतखोरी के आरोप के बाद अडानी ग्रुप बैकफुट पर है. अब खबर आयी है कि केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ दो अहम समझौते ठंडे बस्ते में डाल दिये हैं. पीटीआई के अनुसार करोड़ों डॉलर के हवाई अड्डा विस्तार और एनर्जी में किये गये सौदे केन्या ने रद्द कर दिये […]

Nov 22, 2024 - 17:30
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अमेरिकी अदालत के आरोप का साइड इफेक्ट, केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ हजारों करोड़ की डील रद्द की

NewDelhi : अमेरिकी अदालत के रिश्वतखोरी के आरोप के बाद अडानी ग्रुप बैकफुट पर है. अब खबर आयी है कि केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ दो अहम समझौते ठंडे बस्ते में डाल दिये हैं. पीटीआई के अनुसार करोड़ों डॉलर के हवाई अड्डा विस्तार और एनर्जी में किये गये सौदे केन्या ने रद्द कर दिये हैं. प्रस्तावित समझौता लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का था. केन्या के ऊर्जा मंत्रालय की अडानी ग्रुप के साथ साइन की गयी 736 मिलियन डॉलर (6216 करोड़ रुपये) की पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप डील भी रद्द हो गयी हे
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो द्वारा यह जानकारी दी गयी है.

अडानी ग्रुप को 30 साल तक हवाई अड्डे का संचालन  का जिम्मा मिलने वाला था.

उन्होंने कहा कि एशिया के सबसे अमीर शख्स में शामिल गौतम अदानी के खिलाफ अमेरिका द्वारा रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाये गये हैं. इसलिए अदानी ग्रुप के साथ इन दो सौदे रद्द कर दिया गया है. केन्या के राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया, कहा कि डील रद्द् करने का निर्णय हमारी जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा साझा की गयी नयी जानकारी के आधार पर हमने लिया है. अडानी ग्रुप के साथ समझौते के तहत केन्या राजधानी नैरोबी में मुख्य हवाई अड्डे का मॉडर्नाइजेशन सहित अतिरिक्त हवाई पट्टी और टर्मिनल का निर्माण किया जाना था. अडानी ग्रुप को 30 साल तक हवाई अड्डे का संचालन करने का जिम्मा मिलने वाला था.

डील के बाद हवाई अड्डा कर्मचारी हड़ताल पर चले गये थे

बता दें कि जब यह डील हुई थी तो केन्या में विरोध प्रदर्शन करते हुए हवाई अड्डा कर्मचारी हड़ताल पर चले गये थे. कर्मचारियों का आरोप था कि इससे कई लोगों की नौकरियां जा सकती है. ग्रुप के साथ पूर्वी अफ्रीका के व्यापारिक केंद्र केन्या में बिजली ट्रांसमिशन लाइनें बनाने का सौदा भी हुआ था. ऊर्जा मंत्री ओपियो वांडेई ने संसदीय समिति को बताया था कि इस डील पर हस्ताक्षर करने में केन्या की ओर से कोई रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार नहीं हुआ .

 

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