आदिवासी संगठनों ने निकाला मशाल जुलूस, 22 मार्च का रांची बंद होगा ऐतिहासिक
Ranchi: सिरमटोली सरना स्थल बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 22 मार्च को संपूर्ण रांची बंद के समर्थन में विशाल मशाल जुलूस निकाला. यह जुलूस जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से शुरू होकर अल्बर्ट एक्का चौक पर संपन्न हुआ. आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों और सरना समितियों ने कहा कि 22 मार्च का […]

Ranchi: सिरमटोली सरना स्थल बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 22 मार्च को संपूर्ण रांची बंद के समर्थन में विशाल मशाल जुलूस निकाला. यह जुलूस जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से शुरू होकर अल्बर्ट एक्का चौक पर संपन्न हुआ. आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों और सरना समितियों ने कहा कि 22 मार्च का रांची बंद ऐतिहासिक होगा. आदिवासी समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सरना झंडा और तख्तियों के साथ अपनी मांगों को लेकर चौक-चौराहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे.
रांची बंद शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगा
संगठनों ने कहा कि बंदी पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगी तथा कोई भी गिरफ्तारी स्वेच्छा से नहीं दी जाएगी. साथ ही प्रशासन को आगाह किया गया है कि वे आंदोलनकारियों को उकसाने का प्रयास न करें. सभी आदिवासी सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने दुकानदार संघों, बस-ट्रक, टेम्पो-रिक्शा, टुक-टुक चालक संघों से अपील की है कि वे बंद का समर्थन करें. आम जनता से भी अनुरोध किया गया है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें. स्कूल और कॉलेज प्रशासन से भी एक दिन के लिए संस्थानों को बंद रखने की अपील की गई है.
सिरमटोली फ्लाइओवर के सामने बन रहे रैंप को हटाने की मांग
मालूम हो कि आदिवासी समाज लंबे समय से अपने केन्द्रीय सरना स्थल सिरम टोली और धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए आंदोलनरत है. समुदाय की मांग है कि फ्लाईओवर के रैंप को सरना स्थल के मुख्य द्वार से हटाया जाए, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है. बताया गया कि एक अप्रैल को सरहुल शोभायात्रा आयोजित होगी, इसमें तीन लाख से सरना धर्मावलंबी अपने पारंपरिक वेशभूषा और वाद्ययंत्रों के साथ शामिल होंगे. वे अपने गांवों से निकलकर सिरम टोली स्थित केन्द्रीय सरना स्थल पर मां सरना को जल अर्पित करेंगे ,माथा टेकेंगे और धरती व सिंगबोंगा की अराधना करेंगे.
आवश्यक सेवाओं को दी गई छूट
बंद के दौरान अस्पताल, एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को बंदी से मुक्त रखा गया है.
ये संगठन थे शामिल
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी जन परिषद, जय आदिवासी केन्द्रीय परिषद, केन्द्रीय सरना समिति, आदिवासी मूलवासी मंच झारखंड, आदिवासी सेना, आदिवासी छात्र संघ, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ समेत अन्य 40 बड़े संगठन और 200 से अधिक सरना समिति उपस्थित थी.
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