ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत,  SC ने गिरफ्तारी का मामला बड़ी बेंच को भेजा…अभी जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे

 NewDelhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में आज शुक्रवार को  सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी. हालांकि ईडी द्वारा उनकी की गयी गिरफ्तारी का मामला  सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के हवाले कर दिया है. केजरीवाल की अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है, अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों […]

Jul 12, 2024 - 17:30
 0  5
 ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत,  SC ने गिरफ्तारी का मामला बड़ी बेंच को भेजा…अभी जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे

 NewDelhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में आज शुक्रवार को  सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी. हालांकि ईडी द्वारा उनकी की गयी गिरफ्तारी का मामला  सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के हवाले कर दिया है. केजरीवाल की अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है, अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी.

सीबीआई मामले में 17जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई है

खबरों के अनुसार इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे. बड़ी बेंच के पास मामले की सुनवाई तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गयी है. लेकिन केजरीवाल अभी जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे   वह सीबीआई की कस्टडी में हैं, जमानत उन्हें ईडी केस में मिली है. ऐसे में अभी वह जेल में ही रहेंगे. केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने बताया कि सीबीआई मामले में 17 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई है. इस मामले में फैसला आने के बाद ही कहा जा सकता है कि केजरीवाल रिहा हो पायेंगे या   नहीं?

पीएमएलए की धारा 19 में गिरफ्तारी के नियमों की  व्याख्या करने की जरूरत है

केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए SC ने कहा कि दिल्ली के सीएम 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहे हैं.  वह चुने हुए नेता हैं.  वह इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला वही करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार कोर्ट ने फैसले में चुनावी फंडिंग को लेकर भी प्रश्नचिह्न  खड़े किये हैं. कोर्ट ने कहा कि   जमानत के सवाल को एग्जामिन नहीं किया गया है बल्कि पीएमएलए की धारा 19 के मापदंड़ों पर मंथन किया गया है,  पीएमएलए की धारा 19 में गिरफ्तारी के नियमों की  व्याख्या करने की जरूरत है.

कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर को समझाया

कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर को समझाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीएमएलए की धारा 19 अधिकारियों की व्यक्तिपरक राय है और इसकी  न्यायिक समीक्षा हो सकती है. साथ ही कहा कि  धारा 45 का उपयोग अदालत ही कर सकती है.  जान लें कि  मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 19 ईडी को अधिकार देती है कि अगर सबूतों के आधार पर एजेंसी को लगता है कि कोई व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी है तो ईडी उसे गिरफ्तार कर सकती है.   गिरफ्तारी करने के लिए एजेंसी को सिर्फ आरोपी को कारण बताना होता है.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow