केरल : एक हजार चर्चों ने वक्फ बोर्ड की मनमानी के खिलाफ खोला मोर्चा…
ThiruvanthaPuram : केरल इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं. इसका कारण वक्फ बोर्ड संशोधन बिल है. इसे लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है. खबरों के अनुसार राज्य में वक्फ की मनमानी के खिलाफ एक हजार चर्चों ने मोर्चा खोल दिया है. बता दें कि मुस्लिम समाज का एक बड़ा हिस्सा बिल के विरोध […] The post केरल : एक हजार चर्चों ने वक्फ बोर्ड की मनमानी के खिलाफ खोला मोर्चा… appeared first on lagatar.in.
ThiruvanthaPuram : केरल इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं. इसका कारण वक्फ बोर्ड संशोधन बिल है. इसे लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है. खबरों के अनुसार राज्य में वक्फ की मनमानी के खिलाफ एक हजार चर्चों ने मोर्चा खोल दिया है. बता दें कि मुस्लिम समाज का एक बड़ा हिस्सा बिल के विरोध में है, वहीं हिंदू संगठन बिल का समर्थन कर रहे हैं. केरल की बात करें तो यहां के चर्च आरोप लगा रहे हैं कि वक्फ बोर्ड बड़ी संख्या में ग्रामीणों की जमीनों पर जबरन कब्जा करना चाहता है.
ईसाई परिवार संपत्ति का टैक्स जमा करते रहे हैं
केरल के कोच्चि जिले में मुनंबम और चेराई नाम के दो गांवों निवासियों ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन और प्रॉपर्टी पर वक्फ बोर्ड अवैध कब्जा करना चाहता है बोर्ड ने इन पर अपना दावा भी ठोक दिया है. इन गांवों में रहनेवाले ईसाई परिवार कह रहे हैं कि लंबे समय से अपनी संपत्ति का टैक्स जमा कर रहे हैं. उनके पास इससे संबंधित रसीदें भी हैं. जान लें कि जिन जमीनों पर वक्फ ने दावा ठोका है, उनका रजिस्ट्रेशन भी स्थानीय लोगों के नाम पर है. इस प्रकरण पर केरल के चर्च बेहद गुस्से में हैं. वक्फ बोर्ड के इस दावे से केरल की राजनीति में घमासान शुरू हो गया है. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि उनकी सरकार वक्फ विधेयक को संसद में पास कराकर इस क्रूरता को खत्म करेगी.
भूख हड़ताल पर उतरे ईसाई समुदाय के लोग
ईसाई समुदाय के कई लोग वक्फ बोर्ड के दावे के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. मुनंबम भू संरक्षण समिति के प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि अगर यह मुद्दा नहीं सुलझता है तो वे किसी भी हद तक जा कर विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
सिरो-मालाबार चर्च की केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग
सिरो-मालाबार चर्च के चीफ मेजर आर्कबिशप राफेल थाटिल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों से मुनंबम मुद्दे में हस्तक्षेप करने और इसे सुलझाने की अपील की गयी है. कहा कि एक मानवीय मुद्दा है. इसे लोकतांत्रिक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. जान लें कि आर्कबिशप ने शनिवार को मुनंबम में भूख हड़ताल कर रहे लोगों से मुलाकात की. सिरो-मालाबार चर्च के नेतृत्व में रविवार को एक हजार चर्चों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. चर्च से जुड़े सूत्रों ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम चर्च के आधिकारिक सामुदायिक संगठन ऑल केरल कैथोलिक कांग्रेस के बैनर तले किया गया.
सिरो-मालाबार चर्च केरल की एक बड़ी ईसाई आबादी का नेतृत्व करता है
सिरो-मालाबार चर्च केरल की एक बड़ी ईसाई आबादी का नेतृत्व करता है. एक बात और कि केरल के वक्फ और हज तीर्थयात्रा मंत्री वी अब्दुर्रहीमन ने कोच्चि जिले की जनता को आश्वासन दिया है कि सरकार मुनंबम से किसी को भी बेदखल नहीं करेगी. सरकार इस मुद्दे को सुलझाएगी और किसी को कहा कि इस मामले को सांप्रदायिक मुद्दे की तरह नहीं लिया जाना चाहिए.
वक्फ बोर्ड ने 600 परिवारों की जमीन पर किया है दावा
केरल के कोचि के नजदीक मुनांबम इलाके में वक्फ बोर्ड ने 400 एकड़ से ज्यादा जमीन पर दावा कर दिया है. यह जमीन करीब 600 परिवारों के पास हैं, जिनमें से अधिकतर ईसाई समुदाय के हैं. केरल में उपचुनाव में वक्फ का यह मामला चर्चा में है. वायनाड में चुनाव प्रचार करने गये केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा, यह सिर्फ मुनांबम की बात नहीं है…यह क्रूरता पूरे भारत में खत्म होगी. यह विधेयक (वक्फ विधेयक) संसद में पास कराया जायेगा.
तो सबरीमाला पर भी वक्फ दावा कर देगा!
सुरेश गोपी ने कहा कि ऐसे में तो सबरीमाला भी वक्फ की संपत्ति हो जायेगा. भगवान अयप्पा को भी जगह खाली करनी पड़ेगी! क्या हम इसकी इजाजत दे सकते हैं? तमिलनाडु में वेलानकन्नी चर्च ईसाइयों के लिए बेहद अहम है, अगर वक्फ उस जमीन पर दावा कर दे तो वह चर्च भी वक्फ का हो जायेगा. हम इसके खिलाफ विधेयक लाये हैं. कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ गठबंधन ने इस विधेयक के खिलाफ विधानसभा में विधेयक पारित किया है. अगर आप नहीं चाहते कि सबरीमाला और वेलानकन्नी वक्फ के पास न जाये तो भाजपा को वोट दें।’
केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बोर्ड को असीमित ताकत प्रदान की
इस्लाम के तहत वक्फ एक तरह का धर्मार्थ बंदोबस्त है. वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं. दान की गयी संपत्ति चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है. आरोप है कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बोर्ड को असीमित ताकत प्रदान कर दी. किसी भी ट्रस्ट आदि से ऊपर वक्फ संपत्तियों को विशेष दर्जा दिया गया.
वक्फ बोर्ड के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती
इससे वक्फ बोर्ड को अधिकार मिल गया कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है कि वह वक्फ की संपत्ति है या नहीं. अगर बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा कर दे तो संपत्ति के मालिक को यह साबित करना मुश्किल हो जायेगा कि वह उसकी संपत्ति है. यह भी जान लें कि वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 में कहा गया है कि इसके फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती.
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