गिरिडीह : जमुआ प्रखंड में सरकार की हर घर नलजल योजना फ्लॉप

गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण, संवेदक फरार Jamua (Giridih) : गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड क्ष्रेत्र में सरकार की हर घर नलजल योजना फ्लॉप हो गई है. इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. प्रखंड के ग्रामीण इलाकों का यही मंजर आम है. पानी के […]

May 27, 2024 - 05:30
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गिरिडीह : जमुआ प्रखंड में सरकार की हर घर नलजल योजना फ्लॉप

गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण, संवेदक फरार

Jamua (Giridih) : गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड क्ष्रेत्र में सरकार की हर घर नलजल योजना फ्लॉप हो गई है. इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. प्रखंड के ग्रामीण इलाकों का यही मंजर आम है. पानी के लिए पानी की तरह सरकारी पैसा बहाने के बाद भी लोगों का गला प्यास से सूख रहा है. स्थिति यह है कि योजना के तहत बोरिंग हो गई, जल मीनार भी बन गई और उस पर टंकी भी लग गई, ग्रामीणों को पानी की एक बूंद भी मयस्सर नहीं हुई. संवेदक आधा-अधूरा काम छोड़कर अंतर्ध्यान हो गया. वह खोजने पर भी नहीं मिल रहा है. नल जल योजना की मॉनिटरिंग कर रहे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.

प्रखंड के प्रतापपुर में रीतलाल रविदास के घर के पास व टीकामगहा में बिकू यादव के घर के आगे साल भर पहले उक्त योजना की नींव डाली गई थी. बोरिंग हुई, मीनार बनी, टंकी भी लग गई. बावजूद इसके ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं. इस जल मीनार से गांव के 36 घरों में नल से जल पंहुचाना था. योजना पर कैसे ग्रहण लगा हुआ है, इसे बताने वाला कोई नहीं है. पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के पास भी इस सवाल का कोई माकूल जवाब नहीं है.

गर्मी में सूख गए हैं सभी जलस्रोत

भीषण गर्मी में इलाके के सभी कुआं, तालाब व छोटे-छोटे नदी-नाले सूख चुके हैं. पेयजल के विकल्प के तौर पर लगाये गए चापाकल भी दम तोड़ने की स्थिति में हैं. पेयजल के लिए ग्रामीणों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.

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