चाईबासा : फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रात में ब्लड नमूना का संग्रह
Chaibasa : चाईबासा के सदर प्रखंड अंतर्गत चयनित सेंटिनल ग्राम सिंहपोखरिया के सामुदायिक भवन में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रात में ब्लड का नमूना संग्रह शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम का शुक्रवार की रात जिला के सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल एवं ग्राम मुंडा दीपू सवाइयां ने उद्घाटन किया. ग्राम […]
Chaibasa : चाईबासा के सदर प्रखंड अंतर्गत चयनित सेंटिनल ग्राम सिंहपोखरिया के सामुदायिक भवन में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रात में ब्लड का नमूना संग्रह शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम का शुक्रवार की रात जिला के सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल एवं ग्राम मुंडा दीपू सवाइयां ने उद्घाटन किया. ग्राम मुंडा ने ब्लड का सैंपल देकर रात्रि रक्त पट्ट कार्यकर्म की शुरुआत की. सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी होने के साथ ही नेगलेटेड बीमारी भी है. इसका संक्रमण कम आयु में ही लोगों को हो जाता है. लेकिन शरीर में इसके प्रारंभिक लक्षण संक्रमण के छह माह से 20-25 वर्ष भी लग सकते हैं. प्रारंभिक लक्षण इतने कम समय तक रहता है कि लोग इसे नजरंदाज कर देते हैं. फिर अचानक या शरीर के हाथ, पावों, अंडकोष, स्त्री या पुरुष के गुप्तांगों, स्तन को प्रतिघात करता है. यदि समय पूर्व इसकी पहचान न हो तो या रोग लाइलाज हो जाता है. इस रोग की जांच रात में ही की जाती है. इसलिए जिला अंतर्गत सभी 15 प्रखंडों के दो -दो फाइलेरिया के जोखिम गांवों का चयन कर वहां के लोगों का रात्रि रक्त पट्ट संग्रह स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है.
ग्रामवासियों से सहयोग की अपील
जांच के बाद पाए जाने वाले सभी फाइलेरिया धनात्मक रोगियों का आमूल उपचार सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि समुदाय में फाइलेरिया के संक्रमण को पूर्णतः रोका जा सके. उन्होंने पंचायत मुखिया, ग्राम मुंडा और ग्रामवासियों से इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सहयोग की अपील की. अहसन फारूक (वीबीडी तकनीकी प्रवेक्षक) ने जानकारी दी कि सूक्ष्म कार्य योजना के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों की तीन टीमों द्वारा अलग अलग टोलों में कार्य का संपादन किया गया. प्रत्येक टीम में तीन एमपीडब्ल्यू, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका तथा लैब टेक्नीशियन को शामिल किया गया था. हर टीम के सहयोग के लिए एक जेएसएलपीएस की महिला सदस्य, महिला समिति की एक सदस्य तथा पी आर आई सदस्य थे. जिनका चयन दो दिन पूर्व ही ग्राम सभा में की गई थी.
उक्त कार्य वीबीडी तकनीकी प्रवेक्षक और ग्राम मुंडा की निगरानी में रात 2.45 बजे तक की गई. कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड टास्क फोर्स की मीटिंग में उपस्थित सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों से सहयोग की अपील की गई थी. पत्र के माध्यम से थाना प्रभारीको सूचित किया गया था. उद्घाटन समारोह में डॉ सुमालिया घोष (डब्लूएचओ के सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर), अजमत अजीम (जिला महामारी रोग विशेषज्ञ), अहसन फारूक (वीबीडी तकनीकी प्रवेक्षक), हीरावती पिंगिुवा, प्रतिभा तिग्गा (एएनएम), रेणु सुमित कोंगड़ी (सी एच ओ), रजनीश पूर्ति, दीपक कुमार, साइबा मुर्मू, धनंजय हेंब्रम, अंजिष्णु प्रकाश, बिभनेश सरदार, सुखदेव रजक, मधुसूदन बानरा, विजय मरांडी ( एमपीडब्ल्यू), सुगंधी (जे एस एल पी एस), नीलम सवाइयाँ (सहिया), सनिता सवाईयां (सेविका) तथा ग्रामीण उपस्थित थे.
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