चुनाव नियमों में बदलाव पर खड़गे मोदी सरकार पर बरसे, कहा, निर्वाचन आयोग की निष्ठा खत्म कर दी, यह संविधान-लोकतंत्र पर सीधा हमला..

.NewDelhi : मोदी सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग की निष्ठा को जानबूझकर खत्म किया जा रहा है. यह संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर यह आरोप लगाया है. खड़गे ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव करने को लेकर […]

Dec 23, 2024 - 05:30
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चुनाव नियमों में बदलाव पर खड़गे मोदी सरकार पर बरसे, कहा,  निर्वाचन आयोग की निष्ठा खत्म कर दी, यह संविधान-लोकतंत्र पर सीधा हमला..

.NewDelhi : मोदी सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग की निष्ठा को जानबूझकर खत्म किया जा रहा है. यह संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर यह आरोप लगाया है. खड़गे ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव करने को लेकर रविवार को सरकार पर हल्ला बोला. आरोप लगाया कि यह निर्वाचन आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की साजिश का हिस्सा है.

सरकार ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन  किया

जान लें कि मोदी सरकार ने चुनाव नियमों में बदलाव करते हुए सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज तथा उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण पर रोक लगा दी है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके. खबरों के अनुसार निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे गये कागजात या दस्तावेज के प्रकार को प्रतिबंधित करने के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया है.

प्रधान न्यायाधीश को निर्वाचन आयुक्तों की चयन समिति से हटा दिया था  

श्री खड़गे ने इस संशोधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, चुनाव संचालन नियमों में मोदी सरकार का दुस्साहसिक संशोधन भारत के निर्वाचन आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की उसकी व्यवस्थित साजिश के तहत किया गया एक और हमला है,उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश को उस चयन समिति से हटा दिया था जो निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करती है और अब वे उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को रोकने में लगे हैं.

आयोग अर्ध-न्यायिक निकाय होने के बावजूद स्वतंत्र  व्यवहार नहीं कर रहा  

खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची से नाम हटाये जाने और ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसी चुनाव संबंधी अनियमितताओं के बारे में जब भी निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है तो उसने इसका तिरस्कारपूर्ण जवाब दिया है, आयोग ने कुछ गंभीर शिकायतों को स्वीकार भी नहीं किया. निर्वाचन आयोग अर्ध-न्यायिक निकाय होने के बावजूद स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है. खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग की अखंडता को जानबूझकर नष्ट करना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है. हम उनकी सुरक्षा के लिए हर कदम उठायेंगे.

पार्टी इस संशोधन को कानूनी रूप से चुनौती देगी

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी इस संशोधन को कानूनी रूप से चुनौती देगी. लोकसभा सदस्य और कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने अब तक अपने कामकाज में अपारदर्शी और सरकार समर्थक रवैया अपनाया है.

 

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