छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED का समन, आज पूछताछ के लिए पेश होने को कहा

LagatarDesk :  छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है. छापेमारी के बाद अब एजेंसी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को समन जारी किया है. चैतन्य बघेल को ईडी ने आज पूछताछ के लिए बुलाया है. छापेमारी के बाद घर […]

Mar 11, 2025 - 17:30
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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED का समन, आज पूछताछ के लिए पेश होने को कहा

LagatarDesk :  छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है. छापेमारी के बाद अब एजेंसी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को समन जारी किया है. चैतन्य बघेल को ईडी ने आज पूछताछ के लिए बुलाया है.

छापेमारी के बाद घर से निकली ई़डी की टीम पर हमला

गौरतलब है कि ईडी ने 10 मार्च को भूपेश बघेल व उनके बेटे चैतन्य से जुड़े कुल 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान एजेंसी को भूपेश बघेल के आवास से भारी मात्रा में कैश मिला था. ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े एक परिसर से कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और दस्तावेज भी जब्त किये थे. छापेमारी पूरी करने के बाद ई़डी की टीम जब घर से बाहर निकली तो उनकी गाड़ी पर पथराव किया गया. घटना के बाद पुलिस ने  कार्रवाई करते हुए 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

शराब सिंडिकेट ने की 2,100 करोड़ से अधिक की हेराफेरी 

ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है. शराब सिंडिकेट ने कथित तौर पर 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की है. इस मामले में कई राज्य सरकार के अधिकारियों और व्यापारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

ईडी ने इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तारी कर चुकी है. लखमा पर घोटाले से 72 करोड़ रुपए हासिल करने का आरोप है. जांच एजेंसी ने मई 2024 में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी.

बता दें कि ईडी छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में जांच कर रही है और इस संबंध में एसीबी में FIR भी दर्ज की गई है.  ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया.

 

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