NewDelhi : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को उच्चतम न्यायालय से झटका मिलने के बाद सोमवार को विपक्षी दलों पर निशाना साधा. कहा कि विपक्ष में बैठने भर से किसी को भी भ्रष्टाचार के मामलों और उसके बाद की कार्रवाई से छूट नहीं मिल जाती.
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भ्रष्टाचार के आरोपी इंडी गठबंधन के कई नेता जमानत पर बाहर हैं
भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के भ्रष्टाचार के आरोपी कई नेता जमानत पर बाहर हैं और उन्हें अदालतों से कोई राहत नहीं मिल रही है.
ज्ञात हो कि उच्चतम न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली शिवकुमार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी. शीर्ष अदालत शिवकुमार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी है.
उच्च न्यायालय ने शिवकुमार याचिका खारिज कर दी थी
इस आदेश में उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच आय के अपने ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की. वह उस दौरान तब की कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. सीबीआई ने तीन सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. शिवकुमार ने 2021 में उच्च न्यायालय में प्राथमिकी को चुनौती दी थी.
संबंधित फैसले की एक रिपोर्ट एक्स’पर साझा करते हुए मालवीय ने कहा कि भ्रष्ट इंडी गठबंधन के नेता, चाहे वह ममता बनर्जी के भतीजे हों या लालू प्रसाद और परिवार, केजरीवाल एंड कंपनी हो, केसीआर के नाम से लोकप्रिय तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता या फिर सोनिया और राहुल गांधी, जो वर्तमान में नेशनल हेराल्ड घोटाले में जमानत पर हैं.
एजेंसियों पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाना आसान है
अदालतों से इन्हें कोई राहत नहीं मिली है. उन्होंने कहा, ‘एजेंसियों पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाना आसान है, लेकिन विपक्ष में बैठने से किसी को भी भ्रष्टाचार के मामलों और उसके बाद की कार्रवाई से छूट नहीं मिल जाती. मालवीय ने कहा कि यदि विपक्ष को लगता है कि कोई भ्रष्ट है और उसे सत्ता पक्ष का संरक्षण मिल रहा है तो उसे उसके खिलाफ न्यायालय जाने और कार्रवाई की मांग करनी चाहिए. उन्होंने कहा, विपक्ष में रहते हुए राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की और कोयला, 2जी, नेशनल हेराल्ड घोटालों सहित अन्य मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई.