डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी आंदोलन की राह में, बढ़ा दी है राजनीतिक सरगर्मी

Ranchi : झारखंड के डेढ़ लाख सरकारी और अनुबंधकर्मियों के आंदोलन ने झारखंड में राजनीतिक तपिश बढ़ा दी है. विभिन्न संघों के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन भी जारी है. चुनावी माहौल के नब्ज को टटोलते हुए कर्मचारी संघ आंदोलन में कूद पड़े हैं. सत्ता पक्ष-विपक्ष की ओर से दिलासा-भरोसा और आश्वासन का भी दौर चल रहा […] The post डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी आंदोलन की राह में, बढ़ा दी है राजनीतिक सरगर्मी appeared first on lagatar.in.

Jul 21, 2024 - 17:30
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डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी आंदोलन की राह में, बढ़ा दी है राजनीतिक सरगर्मी

Ranchi : झारखंड के डेढ़ लाख सरकारी और अनुबंधकर्मियों के आंदोलन ने झारखंड में राजनीतिक तपिश बढ़ा दी है. विभिन्न संघों के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन भी जारी है. चुनावी माहौल के नब्ज को टटोलते हुए कर्मचारी संघ आंदोलन में कूद पड़े हैं. सत्ता पक्ष-विपक्ष की ओर से दिलासा-भरोसा और आश्वासन का भी दौर चल रहा है, पर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. राजनीतिक दलों को मुद्दा भी मिल गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष में कर्मचारियों के मुद्दे को लेकर तकरार चरम पर है. सहायक पुलिसकर्मियों पर बीते दिनों लाठियां चटकाई गईं. इस घटना को भाजपा ने आड़े हाथों लिया. असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा घायलों से मिलने रिम्स पहुंच गए. वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में ही पुलिकर्मियों के आगे लगने वाला सहायक शब्द हटा दिया जाएगा. बहरहाल कर्मचारियों के आंदोलन ने प्रदेश के राजनीति तापमान को बढ़ा दिया है.

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सहायक पुलिसकर्मी डटे हैं मैदान, क्या हैं मांगे

राज्य के सहायक पुलिसकर्मी आंदोलनरत हैं. इनकी बहाली 2017 में हुई थी. इनकी बहाली का उद्देश्य था कि 12 नक्सल प्रभावित जिलों में विधि व्यवस्था दुरुस्त करने में पुलिसकर्मियों की मदद करना. इनकी मांग है कि वेतन बढ़ाया जाए और सेवा स्थायी की जाए.

राज्यकर्मी का दर्जा मांग रहे हैं पारा शिक्षक

पारा शिक्षक भी आंदोलनरत हैं. 25 जुलाई को उनकी मांगों पर फिर से चर्चा होनी है. पारा शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा देने व वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं. साथ ही पारा शिक्षक कल्याण कोष के माध्यम से जीवन व स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने, अनुकंपा पर आश्रितों को नौकरी देने, पिछली सरकार में पारा शिक्षक नेताओं के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.

सचिवालय सेवा संघ भी हैं आंदोलनरत

सरकारी कर्मचारी सचिवालय सेवा संघ के बैनर तले आंदोलनरत हैं. इन मांगों में सचिवालय को अनुबंध व आउटसोर्स पर देना बंद किया जाए. संयुक्त सचिव व उपसचिव के अतिरिक्त प्रस्तावित पदों का सृजन किया जाए. कार्मिक विभाग के संकल्प संख्या 3286 को लागू किया जाए. समय पर प्रोन्नति प्रदान किया जाए और सभी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए की मांगें शामिल हैं.

स्थायीकरण की मांग कर रहे मनरेगाकर्मी

स्थायीकरण की मांग को लेकर मनरेगाकर्मी भी आंदोलनरत हैं. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के बैनर तले ये आंदोलनरत हैं. इनकी मांग है कि नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर सेवा स्थायी कर ग्रेड पे दिया जाए.

समाहरणालय कर्मियों ने भी की है अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा

झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) रांची इकाई ने भी 9 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. इन मांगों में ग्रेड पे को बढ़ाना, पद सृजन, प्रोन्नति,पदक्रम के अनुसार वेतनमान का लाभ, पद सोपान के अनुरूप एमएसीपी की संख्या व वेतनमान अनुमान्य करना, उपसमाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में समाहरणालय संवर्ग के लिपिकों के लिए 50 प्रतिशत सीट सुरक्षित करने के अलावा अन्य मांगें भी शामिल हैं.

स्थायीकरण की मांग को लेकर हेल्थवर्कर भी हैं आंदोलनरत

स्थायीकरण की मांग को लेकर राज्य के हेल्थ वर्कर भी आंदोलनरत हैं. स्वास्थ्य विभाग के तहत काम करने वाले मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीडब्ल्यू) ने सेवा स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. बताते चलें कि 1573 स्वास्थ्य कर्मी अपने स्थायी समायोजन की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से आंदोलनरत हैं.

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