धनबाद : सत्संग, ईश्वर भजन व पवित्र आचरण से मन होगा शुद्ध- स्वामीजी

Govindpur (Dhanbad) : गोविंदपुर के लाल बंगला आकाश गंगा कॉलोनी स्थत महर्षि मेंही आश्रम में दो दिवसीय संतमत सत्संग मंगलवार को शुरू हुआ. प्रवचन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि मन की शुद्धि जरूरी है. सत्संग, ईश्वर भजन व पवित्र आचरण से ही मन शुद्ध होगा. व्यक्ति का मन ही सबसे बड़ा रावण है. […]

Apr 9, 2025 - 05:30
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धनबाद : सत्संग, ईश्वर भजन व पवित्र आचरण से मन होगा शुद्ध- स्वामीजी

Govindpur (Dhanbad) : गोविंदपुर के लाल बंगला आकाश गंगा कॉलोनी स्थत महर्षि मेंही आश्रम में दो दिवसीय संतमत सत्संग मंगलवार को शुरू हुआ. प्रवचन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि मन की शुद्धि जरूरी है. सत्संग, ईश्वर भजन व पवित्र आचरण से ही मन शुद्ध होगा. व्यक्ति का मन ही सबसे बड़ा रावण है. जब तक संत या अच्छे गुरु नहीं मिलते व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं सीख सकता. जैसे मतवाले हाथी को महावत अंकुश से वश में कर लेता है, उसी प्रकार  मन को गुरु ज्ञान से वश में किया जा सकता है. मन को वश में करने का मतलब, सारे संसार को वश में करना है.

स्वामी जी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि भजन के बावजूद मन भाग जाता है. भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मन भागे तो उसे तुरंत समेटो. इस प्रकार करते-करते मन समेटे में आ जाएगा. जब मन समेटे में आ जाता है, तब पवित्रता आती है. उन्होंने कहा मन ही पूरा भूत है. इसको कभी सत्संग में लगाओ, कभी गुरु सेवा में लगाओ और कभी भजन में लगाओ. इस प्रकार करते-करते भजन बन जाता है. भजन करने से संस्कार आता है. भजन करो तो इसका संस्कार मन पर पड़ता है. मौके पर स्वामी नरेशानंद, दशरथ महाराज, सकलानंद महाराज, बिंदु बाबा, संजय बाबा, विजय बाबा, नाथू बाबा, उदय बाबा, कृष्ण मोहन बाबा, रतन बाबा आदि ने विचार रखे. इससे पूर्व धनबाद जिला संतमत सत्संग समिति के अध्यक्ष परमानंद प्रसाद ने सभी का स्वागत किया.

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