नीति आयोग की बैठक : ममता बनर्जी बैठक छोड़ कर निकलीं, कहा, पांच मिनट बाद बोलने नहीं दिया, माइक बंद कर दिया
NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक शनिवार को यहां शुरू हुई. बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है. बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतीय की 2047 तक विकसित भारत की महत्वाकांक्षा, इस लक्ष्य को हासिल करने के […] The post नीति आयोग की बैठक : ममता बनर्जी बैठक छोड़ कर निकलीं, कहा, पांच मिनट बाद बोलने नहीं दिया, माइक बंद कर दिया appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक शनिवार को यहां शुरू हुई. बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है. बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतीय की 2047 तक विकसित भारत की महत्वाकांक्षा, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं
VIDEO | West Bengal CM Mamata Banerjee (@MamataOfficial) leaves from TMC MP Abhishek Banerjee’s #Delhi residence for airport.
Earlier, Mamata Banerjee walked out of the #NITIAayog meeting as she said she was stopped from speaking “after just five minutes”. She also slammed the… pic.twitter.com/9WkABkfGMP
— Press Trust of India (@PTI_News) July 27, 2024
#WATCH | On West Bengal CM Mamata Banerjee’s allegations, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, “CM Mamata Banerjee attended the Niti Aayog meeting. We all heard her. Every CM was given the allotted time and that was displayed on the screen which was present before… pic.twitter.com/IxnO4NXj8l
— ANI (@ANI) July 27, 2024
‘MEA should not teach me federal structure. I was Union Minister. I know MEA policies really well’ WB CM @MamataOfficial responds to a question by @TheRedMike. The MEA objected to her comments about providing shelter to refugees from violence-hit Bangladesh. pic.twitter.com/ONR2Qa1CTR
— Sanket Upadhyay (@sanket) July 26, 2024
प बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपवाद रहीं, जो बैठक में शामिल हुईं
बता दें कि आयोग की बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करते हुए ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है. नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों ( गैर भाजपा शाषित राज्यों को छोड़ कर) के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. प बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपवाद रहीं, जो बैठक में शामिल हुईं.
प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं
प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं. बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जायेगा. सम्मेलन के दौरान पांच प्रमुख विषयों पेयजल पहुंच, मात्रा तथा गुणवत्ता; बिजली: गुणवत्ता, दक्षता तथा विश्वसनीयता; स्वास्थ्य: पहुंच, सामर्थ्य तथा देखभाल की गुणवत्ता; स्कूली शिक्षा: पहुंच तथा गुणवत्ता तथा भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण आदि पर सिफारिशें की गयी थीं.
2047 तक 30,000 अरब डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने पर चर्चा
भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक दृष्टिकोण पत्र’ तैयार किया जा रहा है. नीति आयोग को 2023 में 10 क्षेत्रीय विषय पर दृष्टिकोणों को समेकित कर विकसित भारत एट 2047 के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था. इस दृष्टिकोण पत्र में विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति, पर्यावरण अनुकूल उपाय और संचालन व्यवस्था शामिल हैं.
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गयी. ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें महज पांच मिनट बोलने के बाद रोक दिया गया. उन्होंने 2024-25 के केंद्रीय बजट की भी आलोचना की और इसे पक्षपातपूर्ण बताया.
ममता ने कहा, विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने बैठक से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आयी हूं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिये गये. असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी. मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया. यह अनुचित है. ममता ने कहा, विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं. मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए.
यह बंगाल का अपमान है, सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है, मेरा भी अपमान है
उन्होंने केंद्रीय बजट की निंदा करते हुए कहा, यह राजनीतिक एवं पक्षपातपूर्ण बजट है. मैंने कहा कि आप अन्य राज्यों के साथ भेदभाव क्यों कर रहे हैं? नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, तो यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लायें . मैंने कहा योजना आयोग को वापस ले आइए, बंगाल को फंड दीजिए और आप भेदभाव मत कीजिए. मैंने बोला जब केंद्र सरकार चलाते हैं तो सारे राज्यों का सोचना चाहिए.
मैं सेंट्रल फंड के बारे में बता रहा थी कि इसे पश्चिम बंगाल को नहीं दिया जा रहा है, तभी उन्होंने मेरा माइक म्यूट कर दिया. मैंने कहा कि विपक्ष से मैं ही बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक वरीयता दे रहे. यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है. ये तो मेरा भी अपमान है.
सरकारी सूत्रों ने कहा, माइक बंद करने का ममता बनर्जी का दावा गलत
सरकारी सूत्रों ने कहा, नीति आयोग की मीटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम का माइक बंद होने का दावा सही नहीं है. घड़ी में सिर्फ यही दिखा कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया है. यहां तक कि घंटी भी नहीं बजाई गयी. अल्फाबेटिकली उनकी बारी लंच के बाद आती. पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें स्पीकर के रूप में शामिल किया गया था, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था.
ममता का माइक बंद कर दिया गया था, यह पूरी तरह से झूठ है : सीतारमण
ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं. हम सभी ने उन्हें सुना. हर सीएम को आवंटित समय दिया गया था और उसे स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया था जो हर टेबल के सामने मौजूद थी. उन्होंने मीडिया में कहा कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. यह पूरी तरह से झूठ है. हर सीएम को बोलने के लिए अपना उचित समय दिया गया था…यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनका माइक बंद कर दिया गया था. स्विच ऑफ कर दिया है जो सच नहीं है…उन्हें इसके पीछे सच बोलना चाहिए न कि फिर से झूठ पर आधारित कहानी गढ़नी चाहिए.
इन राज्यों के CM बैठक में शामिल नहीं हुए
इंडिया गठबंधन के कई मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया. इनमें तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता पिनाराई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और सभी तीन कांग्रेस मुख्यमंत्री कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी शामिल थे. एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार की जगह बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बैठक में शामिल हुए.
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