प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का अवैध व्यापार करने वालों पर कार्रवाई जारी : मंत्री शिल्पी
Ranchi : झारखंड सहित देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विदेशी कैटफिश और कलेरियस वगेरिपिनस (थाई मांगुर) के हाइब्रिड प्रजनन और पालन पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल से झारखंड के कुछ जिलों, जैसे रामगढ़, गिरिडीह और धनबाद में अवैध व्यापार की सूचना मिली है. संबंधित जिला मत्स्य पदाधिकारियों ने उसे […]

Ranchi : झारखंड सहित देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विदेशी कैटफिश और कलेरियस वगेरिपिनस (थाई मांगुर) के हाइब्रिड प्रजनन और पालन पर प्रतिबंध है.
इसके बावजूद पश्चिम बंगाल से झारखंड के कुछ जिलों, जैसे रामगढ़, गिरिडीह और धनबाद में अवैध व्यापार की सूचना मिली है.
संबंधित जिला मत्स्य पदाधिकारियों ने उसे नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की है. इस बात की जानकारी कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दी.
एनजीटी के आदेश के तहत इस पर लगाया गया है प्रतिबंध
एनजीटी के आदेश के अनुसार, विदेशी कैटफिश कलेरियस गेरिपिनस (थाई मांगुर) और इसके हाइब्रिड के अनधिकृत पालन और प्रजनन से जल संसाधनों, स्थानीय मछली प्रजातियों, प्राकृतिक जैव विविधता और स्थानीय मछुआरों के लिए खतरा पैदा होती है.
इसी के तहत झारखंड में भी थाई मांगुर और इसके हाइब्रिड का पालन और प्रजनन प्रतिबंधित है. यदि इसके अनधिकृत पालन, प्रजनन, और व्यापार की सूचना मिलती है, तो जिला मत्स्य पदाधिकारियों द्वारा संबंधित स्टॉक को नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाती है.
मत्स्य उत्पादकों को इस प्रजाति की मछलियों के पालन, प्रजनन व व्यापार से होने वाले दुष्प्रभाव एवं पर्यावरणीय नुकसान के संबंध में जागरूक किया जाता है.
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