बोकारो : पर्यावरण के असल रक्षक गांव के लोग- रवि रंजन

राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन पर कार्यशाला का आयोजन  Bokaro : तेजी से बदल रहे पर्यारण का प्रभाव सबसे अधिक किसानों और ग्रामीण समुदाय पर देखने को मिल रहा है. ऐसे में समय रहते इन्हें इससे बचाव के तरीकों के बारे में भी सजग करना होगा. इसी सोच के साथ गुरुवार को पेटरवार वन विश्रामागार में वन […]

Dec 20, 2024 - 05:30
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बोकारो : पर्यावरण के असल रक्षक गांव के लोग- रवि रंजन

राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन पर कार्यशाला का आयोजन 

Bokaro : तेजी से बदल रहे पर्यारण का प्रभाव सबसे अधिक किसानों और ग्रामीण समुदाय पर देखने को मिल रहा है. ऐसे में समय रहते इन्हें इससे बचाव के तरीकों के बारे में भी सजग करना होगा. इसी सोच के साथ गुरुवार को पेटरवार वन विश्रामागार में वन विभाग की ओर से ‘जलवायु परिवर्तन और हमः एक पहल समाधान की ओर’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें असर, एसआईडीएचए व पंच सफर संस्था का भी सहयोग रहा. कार्यशाला में पेटरवार व आसपास के इलाकों से वन रक्षा समिति से जुड़े लोग व पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए. मुख्य अतिथि एपीपीसीएफ रवि रंजन ने कहा कि नेशनल मिशन ऑन स्ट्रैटेजिक नॉलेज फॉर क्लाइमेट चेंज से पूरे झारखंड में 25000 हजार लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को अगले 5 साल में पूरा किया जाएगा. पर्यावरण में हो रहे बदलाव का असर पूरी दुनिया में देखा जा रहा है. सऊदी में बर्फबारी तो पाकिस्तान में बाढ़ आने लगी है. झारखंड भी इससे अछूता नहीं है. इसरो के रिसर्च का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि झारखंड का 69 प्रतिशत इलाका मरुस्थल में तब्दील होने के कगार पर है. यही वजह है कि पानी की किल्लत राज्य में देखी जा रही है. पानी को रोकने का उपाय करना होगा.

औद्योगीकरण से 1.1 डिग्री बढ़ा धरती का तापमान

उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण से धरती का तापमान 1.1 डिग्री बढ़ गया है. इससे बरसात के समय में तेजी से बदलाव हो रहा है. खतरा दरवाजे पर आए, उससे पहले सचेत होने की आवश्यकता है. इसके लिए वर्कशॉप के इतर जो असली काम होना है, वो गांव में, गांव के लोगों के द्वारा ही किया जा सकता है. जंगल के साथ रहनेवाले लोग ही इसे बचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.

2008 में हुई एनएमएसकेसीसी की शुरुआत

मौके पर बोकारो के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के तहत राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान मिशन (एनएमएसकेसीसी) संचालित होता है. इसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी. इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के बचाव के विभिन्न उपायों के बारे में ग्रामीणों को बताना है.कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोगी संस्था असर के मुन्ना झा, इश्तियाक अहमद, एसआईडीएचए के हेमंत कुमार, गुलाबचंद्र, मनीष कुमार आदि की भूमिका रही.

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