मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड की भी रही सहभागिता

NewDelhi: चौथे मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आज नई दिल्ली में शुभारंभ हुआ. इस सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संवाद को मजबूत करना, समग्र विकास और प्रगति की दिशा में समन्वय स्थापित करना है. झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लिया. […]

Dec 14, 2024 - 05:30
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मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में झारखंड की भी रही सहभागिता

NewDelhi: चौथे मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आज नई दिल्ली में शुभारंभ हुआ. इस सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संवाद को मजबूत करना, समग्र विकास और प्रगति की दिशा में समन्वय स्थापित करना है. झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लिया. उनके साथ प्रधान सचिव योजना मस्त राम मीना, सचिव ग्रामीण विकास के श्रीनिवासन और सचिव उद्योग विभाग जीतेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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सम्मेलन का उद्देश्य और मुख्य एजेंडा

इस सम्मेलन का आयोजन केंद्र और राज्यों के साझा विकास एजेंडा को तैयार करने और उसकी दिशा तय करने के लिए किया जाता है. कौशल आधारित रोजगार सृजन,समाज के बड़े हिस्से को विकास लाभ से जोड़ना,श्रेष्ठ कार्य प्रणालियों की स्थापना करना है.

इस वर्ष के सम्मेलन में निम्न विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं

विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का विस्तार
ग्रामीण गैर-कृषि गतिविधियों का प्रोत्साहन
शहरी विकास और नवीन ऊर्जा स्रोत
मिशन कर्मयोगी का क्रियान्वयन
कृषि आत्मनिर्भरता और खाद्य सुरक्षा (खाद्य तेल और दालों के संदर्भ में)
अक्षय ऊर्जा स्रोतों का अधिकतम उपयोग
भारतीय पारंपरिक ज्ञान की पुनर्स्थापना और उसका दोहन

झारखंड का योगदान

सम्मेलन में झारखंड के प्रतिनिधियों ने राज्य की वर्तमान योजनाओं, उपलब्धियों और विकास की प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया. झारखंड सरकार की टीम ने विशेष रूप से कौशल विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के प्रोत्साहन और उद्योग क्षेत्र में नवीन प्रयासों के बारे में चर्चा की.

प्रधानमंत्री और नीति आयोग की सहभागिता

सम्मेलन में प्रधानमंत्री, नीति आयोग के अधिकारी, केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधि, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के शीर्ष अधिकारी और विषय विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय विकास रणनीतियों के लिए ठोस योजनाएं तैयार करना और सभी राज्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली को साझा करना है.
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