राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फिजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया
Suva : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंगलवार को फ़िजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी से सम्मानित किया गया. मुर्मू ने दोनों देशों के संबंधों की प्रशंसा की और कहा कि भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने को तैयार है. राष्ट्रपति […] The post राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फिजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया appeared first on lagatar.in.
Suva : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंगलवार को फ़िजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी से सम्मानित किया गया. मुर्मू ने दोनों देशों के संबंधों की प्रशंसा की और कहा कि भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने को तैयार है. राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, फ़िज़ी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवालिली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी’ पुरस्कार प्रदान किया. यह फ़िज़ी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.
President Droupadi Murmu receives Fiji’s highest civilian award
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— PTI News Alerts (@PTI_NewsAlerts) August 6, 2024
यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस द्वीपसमूह राष्ट्र की पहली यात्रा है
फ़िज़ी की दो दिवसीय यात्रा पर आयीं मुर्मू ने इस सम्मान को भारत और फ़िज़ी के बीच दोस्ती के गहरे संबंधों का प्रतिबिंब’ बताया. यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस द्वीपसमूह राष्ट्र की पहली यात्रा है. राष्ट्रपति मुर्मू ने फ़िज़ी की संसद को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभर रहा है, हम एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए आपकी प्राथमिकताओं के अनुसार फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार हैं. आइए, हम अपने दोनों प्रिय देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपनी साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक साथ आएं.’’ उन्होंने कहा कि आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद भारत और फ़िज़ी में जीवंत लोकतंत्र समेत काफी कुछ एक समान है.
दुनिया को फ़िज़ी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.
राष्ट्रपति ने याद किया कि करीब 10 वर्ष पहले इसी हॉल में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ मूल मूल्यों का जिक्र किया था जो भारत और फ़िज़ी को जोड़ते हैं. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘इनमें हमारा लोकतंत्र, हमारे समाज की विविधता, हमारी नस्ल कि सभी मनुष्य समान हैं, तथा प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता शामिल हैं. ये साझा मूल्य शाश्वत हैं तथा आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे.
उन्होंने कहा, यहां बिताये अपने थोड़े से समय में, मैं देख सकती हूं कि बाकी दुनिया को फ़िज़ी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. फ़िज़ी की सौम्य जीवनशैली, परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान, खुला और बहुसांस्कृतिक वातावरण, फ़िज़ी को तेजी से संघर्षों में घिर रही इस दुनिया में इतना खास बनाता है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि फ़िज़ी वह जगह है जहां बाकी दुनिया अपनी खुशियां ढूंढने आती है.
जब गिरमिटिया और उनके वंशज यहां पहुंचे तो फिजी ने उन्हें अपनाया
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुवा में स्थापित होने वाले ‘सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल’ सहित नयी परियोजनाएं फ़िज़ी और व्यापक प्रशांत क्षेत्र के लोगों की प्राथमिकता वाली जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि जब ‘गिरमिटिया और उनके वंशज यहां पहुंचे तो फ़िज़ी ने उन्हें कैसे अपनाया. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘145 वर्ष से भी अधिक समय पूर्व, नियति ने हमारे दोनों देशों को एक साथ जोड़ा, जब गिरमिटिया श्रमिक, पहली बार भारत से फ़िज़ी द्वीप के तट पर पहुंचे थे.’मुर्मू ने कहा, यद्यपि उनका यहां आरंभिक जीवन खतरे और कठिनाई से भरा रहा लेकिन यह जानकर खुशी होती है कि कैसे गिरमिटिया’ और उनके वंशजों को इस देश ने अपनाया है.
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