वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 : जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने समिति की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी

NewDelhi : वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी के अध्यक्ष, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल आज गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने और अपनी समिति की रिपोर्ट सौंपने संसद पहुंचे. वे लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचे और  रिपोर्ट ओम बिरला  को सौंपी.   जगदंबिका पाल के साथ अन्य सदस्य भी मौजूद थे. बता दें […]

Jan 31, 2025 - 05:30
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वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 : जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने समिति की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी

NewDelhi : वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी के अध्यक्ष, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल आज गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने और अपनी समिति की रिपोर्ट सौंपने संसद पहुंचे. वे लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचे और  रिपोर्ट ओम बिरला  को सौंपी.   जगदंबिका पाल के साथ अन्य सदस्य भी मौजूद थे. बता दें कि संसद की संयुक्त समिति ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक की रिपोर्ट और प्रस्तावित कानून के संशोधित संस्करण को बहुमत से पारित कर दिया.

विधेयक को 15-11 मतों से मंजूरी मिली

खबरों के अनुसार इस विधेयक को 15-11 मतों से मंजूरी मिली. वक्फ (संशोधन) विधेयक पर मुहर लग जाना विपक्षी सदस्यों को रास नहीं आया है. विपक्ष ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है. विपक्ष के अनुसार इस विधेयक के संसद में पास होने से सरकार को मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल जायेगा. इससे वक्फ बोर्ड का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.

समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा

समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक में किये गये कई संशोधनों से विपक्ष की चिंताओं का समाधान किया गया है. जब यह विधेयक पारित होगा, तो वक्फ बोर्ड को अपने काम को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से करने में मदद मिलेगी. विधेयक में पहली बार पसमांदा मुसलमानों (जो पिछड़े वर्ग के हैं), गरीबों, महिलाओं और अनाथों को वक्फ के लाभार्थियों में शामिल किया गया है.

क्या विधेयक 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में पारित होगा?

पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कि क्या विधेयक 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में पारित होगा? इस सवाल पर जगदंबिका पाल ने कहा कि अब यह फैसला संसद और संबंधित अधिकारियों को करना है. विपक्षी सांसदों पूरी प्रक्रिया को अलोकतांत्रिक करार देते हुए आरोप लगाया कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट(655 पन्ने) का अध्ययन करने और अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए बहुत कम समय दिया गया. शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि विपक्षी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष अपनी असहमति दर्ज करायंगे.

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