सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस शाखा में जाने की मिली छूट, तो खड़गे, जयराम रमेश पीएम मोदी पर भड़के
मोदी जी सरकारी कर्मचारियों पर आएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर बांटना चाहते हैं. NewDelhi : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाने को लेकर कहा कि यह प्रधानमंत्री […] The post सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस शाखा में जाने की मिली छूट, तो खड़गे, जयराम रमेश पीएम मोदी पर भड़के appeared first on lagatar.in.
मोदी जी सरकारी कर्मचारियों पर आएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर बांटना चाहते हैं.
NewDelhi : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाने को लेकर कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाने की खीज का नतीजा है. आरोप लगाया कि ऐसा कर पीएम कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर बांटना चाहते हैं. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
1947 में आज ही के दिन भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था। RSS ने तिरंगे का विरोध किया था और सरदार पटेल ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी।
4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था।
मोदी जी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर RSS…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 22, 2024
VIDEO | “I welcome the Centre’s decision to lift the ban on government employees associating with the RSS and its activities. This removal of the decision taken by the Congress for political reasons is a welcome move. I believe that Congress’ negative mindset towards such… pic.twitter.com/w62NO0n7D4
— Press Trust of India (@PTI_News) July 22, 2024
फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।
1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया… pic.twitter.com/17vGKJmt3n
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 21, 2024
गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज सोमवार को आरोप लगाया कि आरएसएस ने तिरंगे का विरोध किया था. गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस क्रम में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर भी रोक लगा दी गयी थी. लेकिन पीएम मोदी ने छह दशक के बाद प्रतिबंध को हटा दिया है. मोदी ने लोकसेवकों को न केवल विचारधारा के आधार पर बांटने का काम किया, बल्कि उनकी निष्पक्षता तथा संविधान के सर्वोच्च होने के भाव को संदेह के घेरे में डाल दिया है.
सरदार पटेल ने इसके लिए आरएसएस को चेताया था
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 1947 में आज ही के दिन भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज(तिरंगा) अपनाया था. कहा कि आरएसएस ने तिरंगे का विरोध किया. सरदार पटेल ने इसके लिए आरएसएस को चेताया था. सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद चार फरवरी 1948 को अरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था.
पीएम कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर बांटना चाहते हैं
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी जी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है. आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने सभी संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों पर संस्थागत रूप से कब्ज़ा करने के लिए आएसएस का इस्तेमाल किया है. मोदी जी सरकारी कर्मचारियों पर आएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर बांटना चाहते हैं. सरकार संभवतः ऐसे कदम इसलिए उठा रही है, क्योंकि जनता ने उसके संविधान में फेर-बदल करने की कुत्सित मंशा को चुनाव में हरा दिया.
नौकरशाही अब निक्कर में भी कार्यालय आ सकती है : जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट किया कि फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में फिर RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था. यह सही निर्णय था. यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है.
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आयी है
जयराम रमेश ने लिखा, 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आयी है. 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था. मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर निराशा जाहिर करते हुए कहा,58 साल पहले, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था, अब मोदी सरकार ने उस आदेश को पलट दिया है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फैसले का स्वागत किया
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, मैं आरएसएस और उसकी गतिविधियों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध हटाने के केंद्र के फैसले का स्वागत करता हूं, मेरा मानना है कि ऐसे देशभक्तों और सामाजिक संस्थाओं के प्रति कांग्रेस की नकारात्मक मानसिकता… ऐसी विचारधारा के लिए भारत में कोई जगह नहीं है.
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