सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला पलटा, प्रतिबंधित संगठन PFI के आठ सदस्यों की जमानत रद्द की

 New Delhi : खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों से संबंधित मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी आठ आरोपी सदस्यों की जमानत रद्द कर दी है. पीएफआई के इन सदस्यों पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है.  […]

May 22, 2024 - 17:30
 0  4
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला पलटा, प्रतिबंधित संगठन PFI के आठ सदस्यों की जमानत रद्द की
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट का फैसला पलटा, प्रतिबंधित संगठन PFI के आठ सदस्यों की जमानत रद्द की

 New Delhi : खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों से संबंधित मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी आठ आरोपी सदस्यों की जमानत रद्द कर दी है. पीएफआई के इन सदस्यों पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है.   सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी 8 लोगों की जमानत यह कहते हुए रद्द कर दी कि इस मामले में उत्तरदाताओं को जमानत पर रिहा नहीं करने के लिए  धारा 43डी(5) के तहत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) का आदेश लागू होगा.

      नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें

आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए  धन जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था

इन आठ आरोपियों में बरकतुल्ला, इदरीस, मोहम्मद अबुथाहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद का नाम शामिल है. इन सभी को केरल, तमिलनाडु, यूपी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों में धन जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जस्टिस त्रिवेदी ने आज बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा,जांच एजेंसी द्वारा हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है.

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर इनकी रिहाई के फैसले को पलटते हुए कहा, अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इन्हें अधिकतम सजा दी गयी है. जबकि उन्होंने महज 1.5 डेढ़ साल कारावास में बिताये हैं. इसलिए हम(SC) हाईकोर्ट के जमानत पर रिहाई के फैसले में दखल दे रहे हैं.

कोर्ट व्यक्तिगत स्वतंत्रता देने वाले गलत आधार पर दिये गये आदेशों में हस्तक्षेप कर सकता है

मामला यह है कि पिछले साल अक्टूबर में मद्रास हाईकोर्ट ने इन सभी PFI आरोपियों को जमानत दी थी, जमानत का विरोध करते हुए एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी. आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई की. कहा कि अपराध की गंभीरता और अधिकतम सजा के तौर पर जेल में बिताये गये सिर्फ 1.5 साल को देखते हुए हम जमानत देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक हैं. कहा कि कोर्ट व्यक्तिगत स्वतंत्रता देने वाले गलत आधार पर दिये गये आदेशों में हस्तक्षेप कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट का ट्रायल में तेजी लाने के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार न हीं किया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोपरि है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के ट्रायल में तेजी लाये जाने का भी निर्देश दिया है.

पीएफआई को आतंकवादी संगठन घोषित नहीं किया गया है

अक्टूबर 2023 में मद्रास हाईकोर्ट में जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस एसएस सुंदर की डबल बेंच ने कहा था कि पीएफआई को आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है. अभियोजन इस अदालत के समक्ष अपीलकर्ताओं में से किसी एक की भी आतंकवादी कृत्य में शामिल होने या किसी आतंकवादी गिरोह या संगठन के सदस्य या आतंकवाद में प्रशिक्षण के बारे में कोई भी सामग्री पेश करने में असमर्थ रहा है.

 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow