स्वतंत्रता दिवस : राष्ट्रपति का संदेश, भारत विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने को तैयार
NewDelhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने भारत में कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने […] The post स्वतंत्रता दिवस : राष्ट्रपति का संदेश, भारत विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने को तैयार appeared first on lagatar.in.
NewDelhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने भारत में कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करने का आह्वान भी किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार के लिए करना चाहता है.
VIDEO | “My dear countrymen, India is among the fastest growing economies in the world with an average annual growth of 8% between 2021 and 2024. This has not only given more money in the hands of people, but there has been a huge decline in the number of people living below the… pic.twitter.com/zP6tVHbzTa
— Press Trust of India (@PTI_News) August 14, 2024
संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के शब्दों को उद्घृत किया
78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में राष्ट्रपति ने इस सफलता का श्रेय किसानों और श्रमिकों की अधिक मेहनत और उद्यमियों की दूरगामी सोच के साथ ही देश के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया. उन्होंने कहा कि तेज गति से हो रही ‘न्याय-परक प्रगति’ के बल पर वैश्विक परिदृश्य में भारत का कद ऊंचा हुआ है और जी20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद उसने ग्लोबल साउथ को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है. संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के शब्दों को उद्घृत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए और राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि उसके आधार में सामाजिक लोकतंत्र न हो.
हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं
उन्होंने कहा, राजनीतिक लोकतंत्र की निरंतर प्रगति से सामाजिक लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में की गयी प्रगति की पुष्टि होती है. समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है. अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं. राष्ट्रपति ने समावेश के साधन के रूप में सकारात्मक कार्रवाई को मजबूत किए जाने पर बल देते हुए कहा, मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा.भारत के दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं.
हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
उन्होंने कहा, यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है.देशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अनेक महान जननायकों को याद किया. तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था, जिसमें सभी समुदायों ने भाग लिया. उन्होंने कहा, हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
2024 के आम चुनावों में 97 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया
हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आयी हैं. न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करे.’राष्ट्रपति ने 2024 के आम चुनावों का भी उल्लेख किया और कहा कि इसमें लगभग 97 करोड़ मतदाताओं ने हिस्सा लिया. उन्होंने इसे एक ‘ऐतिहासिक कीर्तिमान’ बताया और कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा मताधिकार का प्रयोग करना वस्तुतः लोकतंत्र की विचारधारा का प्रबल समर्थन है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत द्वारा सफलतापूर्वक चुनाव आयोजित करने से पूरे विश्व में लोकतांत्रिक शक्तियों को ताकत मिलती है.
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