आदित्यपुर : घोर जल संकट से जूझ रहे हैं आदित्यपुर नगर निगम वासी
Adityapur (Chaibasa): आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग इन दिनों घोर जल संकट से जूझ रहे हैं. नगर निगम के तकरीबन 20 हजार परिवार टैंकर के सहारे जीवन गुजार रहे हैं. आदित्यपुर नगर निगम के 35 वार्ड में करीब 55 हजार परिवार रहते हैं. इनमें से 18 हजार परिवारों को पुरानी पाइप लाइन […]
Adityapur (Chaibasa): आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग इन दिनों घोर जल संकट से जूझ रहे हैं. नगर निगम के तकरीबन 20 हजार परिवार टैंकर के सहारे जीवन गुजार रहे हैं. आदित्यपुर नगर निगम के 35 वार्ड में करीब 55 हजार परिवार रहते हैं. इनमें से 18 हजार परिवारों को पुरानी पाइप लाइन से जलापूर्ति हो रही है, जबकि बाकी परिवारों को या तो बोरिंग के सहारे या टैंकर की जलापूर्ति पर आश्रित रहना पड़ रहा है. इसी समस्या को दूर करने के लिए वर्ष 2018 में आदित्यपुर वृहत जलापूर्ति योजना की नींव रखी गई थी. लेकिन इसमें कई विभागों की बाधा से यह योजना 6 वर्षों से लंबित है. हाल में वन विभाग और पथ निर्माण विभाग की बाधा दूर कर लेने की बात कहकर नगर निगम प्रशासन ने जुलाई 2025 से पाइप लाइन जलापूर्ति को शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी एक वर्ष आदित्यपुर निगम वासियों को पेयजल संकट से जूझना ही पड़ेगा. बता दें कि आदित्यपुर के लोगों को घोर जल संकट से उबारने के लिए 400 करोड़ रुपये की वृहत योजना बनी है, लेकिन अब तक आदित्यपुर जलापूर्ति योजना का काम अधूरा है. वन विभाग के पेंच और विरोध की वजह से योजना का काम छह साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. वर्तमान में सीतारामपुर जलशोध केंद्र और 60 किमी पाइपलाइन बिछाने का काम वन विभाग की पेंच में फंसा है. इसके अलावा 60 एमएलडी क्षमता वाली सापड़ा में बनने वाला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य भी अब तक शुरू नहीं हुआ है.
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टैंकर के सहारे 20 हजार परिवार
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वृहत जलापूर्ति योजना की बाधा दूर करने दिया आश्वासन
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नगर निगम ने जुलाई 2025 से पाइप लाइन जलापूर्ति करने का आश्वासन
409 किलोमीटर बिछी है पाइप लाइन
बता दें कि आदित्यपुर जलापूर्ति योजना के तहत अबतक 480 किलोमीटर जलापूर्ति पाइपलाइन में से अब तक 409 किमी पाइप बिछा दी गई है. 11 ओवरहेड वाटर टंकी में 10 का काम चल रहा है, जिसमें तीन पूरा हुआ है, दो एमबीआर निर्माण का काम अभी बंद है.
1700 पेड़ काटने को मिली है अनुमति
सपड़ा में बनने वाला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व टंकी तथा पाइपलाइन बिछाने के लिए वन विभाग द्वारा सशर्त अनुमति प्रदान की गयी है. इसमें 1700 पेड़ काटे जाने हैं, जबकि 400 पेड़ को शिफ्ट किया जाना है. इसके लिए एजेंसी खोजी जा रही है, जिसके माध्यम से पेड़ काटकर लकड़ी को डीएफओ कार्यालय में जमा कराना होगा.
वन विभाग ने कर रखा है केस
आदित्यपुर के सीतारामपुर में वाटर टंकी निर्माण मामले में वन विभाग ने रोक लगा रखी है, यही नहीं, सिटी मैनेजर अजय कुमार के खिलाफ वन विभाग ने केस भी दर्ज कराया है. हालांकि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में हजारों एकड़ वन विभाग की जमीन को माफिया ने अतिक्रमण कर बस्तियां बसा दी हैं, जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
सपड़ा में 60 और सीतारामपुर में 30 एमएलडी क्षमता से होनी है जलापूर्ति
आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के 55 हजार मकानों में पाइप लाइन से जलापूर्ति के लिए 400 करोड़ की लागत से योजना पर काम चल रहा है. इसमें सपड़ा में 60 और सीतारामपुर डैम में 30 एमएलडी क्षमता का जलशोध केंद्र बनाया जाना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अगर वन विभाग से सभी एनओसी मिल जाए तो योजना का काम एक वर्ष में पूरा हो जाएगा. पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. क्षेत्र में 409 किमी नया तथा 210 किमी पुरानी पाइपलाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति तत्काल शुरू कर सकते हैं, पर वन विभाग के पेंच में फंसे होने के कारण काम नहीं हो पा रहा है.- अजय कुमार, सिटी मैनेजर, नगर निगम, आदित्यपुर.
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