चाईबासाः सारंडा जंगल में हो रहा पत्थर का अवैध खनन
KIRIBURU (CHAIBASA): सारंडा के घने जंगल में उसरुईया-पोंगा गांव के बीच दुलाई नदी पर निर्माणाधीन पुल एवं गार्डवाल के निर्माण कार्य में अवैध तरीके से सारंडा जंगल का पत्थर इस्तेमाल हो रहा है. इसकी शिकायत मिलने पर सारंडा वन प्रमंडल के अधीन कोयना (मनोहरपुर) वन प्रक्षेत्र की टीम ने छापेमारी कर अवैध पत्थर लदा एक […]
KIRIBURU (CHAIBASA): सारंडा के घने जंगल में उसरुईया-पोंगा गांव के बीच दुलाई नदी पर निर्माणाधीन पुल एवं गार्डवाल के निर्माण कार्य में अवैध तरीके से सारंडा जंगल का पत्थर इस्तेमाल हो रहा है. इसकी शिकायत मिलने पर सारंडा वन प्रमंडल के अधीन कोयना (मनोहरपुर) वन प्रक्षेत्र की टीम ने छापेमारी कर अवैध पत्थर लदा एक ट्रैक्टर को पकड़ने में सफलता पाई है. इसके अलावा जंगल में अवैध पत्थर का बड़ा भंडार भी पाया गया है. पत्थर लदे ट्रैक्टर को वन विभाग की टीम मनोहरपुर ले गई. सारंडा डीएफओ अभिरुप सिन्हा ने पत्थर लदे ट्रैक्टर पकडे़ जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि आवश्यक कार्रवाई जारी है.
इस पुल का निर्माण पलामू/रांची के ठेकेदार जितेन्द्र प्रसाद गुप्ता द्वारा कराया जा रहा है. ठेकेदार द्वारा इससे पहले भी हतनाबुरु-पोंगा मार्ग पर जंगल के पत्थरों की चोरी कर गार्डवाल बनाने का आरोप लगा था. ग्रामीणों ने मनोहरपुर वन विभाग की टीम को सूचना दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार धमकी देता था कि उसका वन विभाग के साथ अच्छा संबंध है और उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. लेकिन इस बार वह वन विभाग के हत्थे चढ़ गया.
- वन विभाग ने पकड़ा अवैध पत्थर लदा ट्रैक्टर
- सारंडा जंगल में पत्थर का अवैध भंडारण भी जब्त
- उसरुईया पुल व गार्डवाल के निर्माण में इस्तेमाल होना था इस्तेमाल
उल्लेखनीय है कि इस पुल के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत के बाद सांसद गीता कोड़ा गत वर्ष 14 जुलाई को कार्यस्थल पर पहुंची थी. ठेकेदार के मुंशी द्वारा किसी भी सवाल का जवाब नहीं देने से नाराज सांसद ने पुल निर्माण का कार्य बंद करा दिया था.उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, उपायुक्त के सामने रखने और पूरे कार्य की जांच कराने की बात कही थी. लेकिन कोई जांच नहीं हुई. ठेकेदार निर्धारित समय पर पुल का निर्माण कार्य भी पूरा नहीं कर सका.
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