ईरान में बदलाव की आहट.. राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवादी पेजेशकियन ने कट्टरपंथी जलीली को भारी मतों से हराया…

  Dubai : ईरान में बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है. सुधारवादी नेता हृदय रोग विशेषज्ञ मसूद पेजेशकियन ने कट्टरपंथी सईद जलीली को 28 लाख मतों के भारी अंतर से मात दे कर नया इतिहास रच दिया है.  जान लें कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पिछले सप्ताह हुई वोटिंग में शीर्ष स्थान पर रहे दो […]

Jul 6, 2024 - 17:30
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ईरान में बदलाव की आहट.. राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवादी पेजेशकियन ने कट्टरपंथी जलीली को भारी मतों से हराया…
ईरान में बदलाव की आहट.. राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवादी पेजेशकियन ने कट्टरपंथी जलीली को भारी मतों से हराया...

  Dubai : ईरान में बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है. सुधारवादी नेता हृदय रोग विशेषज्ञ मसूद पेजेशकियन ने कट्टरपंथी सईद जलीली को 28 लाख मतों के भारी अंतर से मात दे कर नया इतिहास रच दिया है.  जान लें कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पिछले सप्ताह हुई वोटिंग में शीर्ष स्थान पर रहे दो उम्मीदवारों के बीच सीधे मुकाबले में मसूद पेजेशकियन ने कट्टपंथी सईद जलीली को हराकर शनिवार को जीत हासिल कर ली. पेजेशकियन एक करोड़ 63 लाख मतों के साथ विजयी घोषित किये गये,  जलीली को एक करोड़ 35 लाख वोट मिले.

ईरान में पिछले महीने एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के मारे जाने के बाद शुक्रवार को पेजेशकियन और जलीली के बीच आमने-सामने के मुकाबले के लिए मतदान हुआ था.                                                       नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें   

पेजेशकियन को एक करोड़  35 लाख वोट मिले

इससे पहले 28 जून को मतदान के शुरुआती दौर में किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले थे जिसके कारण शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है. चुनाव प्रवक्ता मोहसेन इस्लामी ने बताया कि पेजेशकियन को एक करोड़ 63 लाख वोट मिले, जबकि जलीली को एक करोड़ 35 लाख वोट मिले.  पेजेशकियन की बढ़त मजबूत होने के साथ ही उनके समर्थकों ने तेहरान और अन्य शहरों में सड़कों पर उतरकर जश्न मनाना शुरू कर दिया.

मसूद पेजेशकियन का झुकाव पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी की तरफ है

ये चुनाव ऐसे समय में हुए, जब इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में व्यापक स्तर पर तनाव है और ईरान पिछले कई वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. मसूद पेजेशकियन का झुकाव पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी की तरफ है, जिनके शासन के तहत तेहरान ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 का ऐतिहासिक परमाणु समझौता किया था. परमाणु समझौता रद्द हो गया था और कट्टरपंथी नेता दोबारा सत्ता पर काबिज हुए. हृदय रोग विशेषज्ञ मसूद (69) दोबारा परमाणु समझौता करने और पश्चिमी देशों से संबंध बेहतर करने के पक्ष में हैं.

 

 

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