सूरते हाल : IT सेक्टर में ले-ऑफ ले आया भूचाल, अंजाम और भी घातक होगा

आईटी सेक्टर में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की गयी नौकरी ले-ऑफ (छटंनी) LagatarNewsNetwork :  एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते थकते नहीं. वहीं देश में अरबपतियों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. लेकिन घरेलू मोर्चे पर रोजगार के क्षेत्र में हालात भयावह है. […] The post सूरते हाल : IT सेक्टर में ले-ऑफ ले आया भूचाल, अंजाम और भी घातक होगा appeared first on lagatar.in.

Sep 7, 2024 - 17:30
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सूरते हाल :  IT सेक्टर में ले-ऑफ ले आया भूचाल, अंजाम और भी घातक होगा
  • आईटी सेक्टर में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की गयी नौकरी
  • ले-ऑफ (छटंनी)

LagatarNewsNetwork :  एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते थकते नहीं. वहीं देश में अरबपतियों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. लेकिन घरेलू मोर्चे पर रोजगार के क्षेत्र में हालात भयावह है. बीत रहे साल 2024 की शुरुआत ही जॉब करने वाले लोगों के लिए कुछ खास नहीं रही. खासकर टेक्नोलॉजी सेक्टर (आईटी) में इस वर्ष ले-ऑफ (छटंनी) की मानों बाढ़ आ गयी हो. रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल अब तक कई सौ कंपनियों में 1 लाख 50 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है. एक रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2022 और 2023 के बाद इस साल भी बड़े पैमाने पर नौकरी कटौती देखी जा रही है. टेस्ला, अमेजन, गूगल, टिकटॉक, स्नैप और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख कंपनियों ने 2024 के पहले कुछ महीनों में ही बड़े पैमाने पर ले-ऑफ किये हैं. इन कंपनियों की छंटनी ने तकनीकी दुनिया में एक नई हलचल मचा दी है. छोटे स्टार्टअप्स भी इससे प्रभावित हो गये हैं. वहीं कई ने तो पूरी तरह से ऑपरेशन ही बंद कर दिये हैं.

इंटेल, सिस्को, आईबीएम जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां कर रही छटंनी

ले-ऑफ एफवाईआई के आंकड़ों की मानें तो इस साल की शुरुआत में ही बड़ी संख्या में टेक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से हाथ गंवाना पड़ गया था. जो अगस्त माह के अंत तक जारी रही. अगस्त 2024 की बात की जाये तो रिपोर्ट बताती है कि इस महीने में 26 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है. अगस्त में 40 से ज्यादा ले-ऑफ हुए. इनमें बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे इंटेल, सिस्को, आईबीएम शामिल हैं. इंटेल 15,000 नौकरियों में कटौती कर रही है, जो उसके कुल कर्मचारियों की संख्या का 15% है. कंपनी ने खर्च में कटौती के लिए यह फैसला लिया है. सिस्को भी अपने कर्मचारियों की संख्या में 7% की कटौती कर रही है, जिससे लगभग 6,000 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. आईबीएम चीन में अपना अनुसंधान और विकास केंद्र बंद कर रहा है और 1,000 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है. कंपनियां आईटी हार्डवेयर की मांग में कमी के कारण यह फैसला ले रही है. एप्पल ने भी हाल ही में अपने सेवा प्रभाग (सर्विस डिवीजन) से लगभग 1000 कर्मचारियों की छंटनी की है. गोप्रो भी अपने कर्मचारियों की संख्या में 15% की कटौती कर रहा है, जिससे 2024 के अंत तक 540 लोगों की छंटनी होने की संभावना है. डेल टेक्नोलॉजीज ने भी अपने वैश्विक कर्मचारियों की संख्या में 10% की कटौती की है, जिससे 12,500 कर्मचारियों की छंटनी हुई है. 2023 में आईटी कंपनियों में छंटनी में 15% की वृद्धि हुई, जो 2024 में भी जारी है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि ये तो अभी आगाज है, अंजाम और भी घातक होने वाला है. आर्टिफिशियल इंटेजीलेंस (एआई) के आने के बाद से आईटी से जुड़ी देशी-विदेशी कंपनियों में मैन पॉवर घटाने की होड़ लग गयी है. अगर समय रहते सरकार की तरफ से तैयारियां न की गयीं, तो आने वाले समय में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या काफी अधिक हो सकती है. देश की कई नामी आईटी कंपनियां भी कर्मचारियों की छंटनी का मन बना रही हैं. कभी भी ये खबर आ सकती है.

क्या कहते हैं आंकड़े :

जनवरी 2024 : 44,107 कर्मचारियों की छंटनी

फरवरी 2024 : 25,639 कर्मचारियों की छंटनी

मार्च 2024 : 17,403 कर्मचारियों की छंटनी

अप्रैल 2024 : 32,423 कर्मचारियों की छंटनी

मई 2024 : 21,011 कर्मचारियों की छंटनी

जून 2024 : 10,083 कर्मचारियों की छंटनी

जुलाई 2024 : 19,051 कर्मचारियों की छंटनी

अगस्त 2024 : 26,024 कर्मचारियों की छंटनी

 

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