कांग्रेस प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जायेगी…भाजपा से कहा, संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण करना बंद करे

 NewDelhi : कांग्रेस का  प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991  का पालन कराने के मामले में सख्त रवैया है. कांग्रेस भाजपा सरकार पर इस कानून का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करने का आरोप लगा रही है. खबर है कि कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप करने की तैयारी में जुट गयी है. बता दें […]

Jan 5, 2025 - 05:30
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कांग्रेस प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट जायेगी…भाजपा से कहा, संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण करना बंद करे

 NewDelhi : कांग्रेस का  प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991  का पालन कराने के मामले में सख्त रवैया है. कांग्रेस भाजपा सरकार पर इस कानून का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करने का आरोप लगा रही है. खबर है कि कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप करने की तैयारी में जुट गयी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं के नीचे मंदिर होने के दावों पर सर्वे पर रोक लगा दी थी. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सांसद और वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस का पक्ष रखेंगे. कांग्रेस इसे लेकर जल्द ही एक याचिका दायर करेगी.

याचिका प्रतीकात्मक होगी

कहा जा रहा है कि चूंकी मामला पहले से ही चल रहा है,इसलिए यह याचिका प्रतीकात्मक होगी. सूत्रों की मानें तो अभी यह अभी तय नहीं है कि मामला पार्टी दायर करेगी, या कोई वरिष्ठ पदाधिकारी उदाहरण के तौर पर केसी. वेणुगोपाल आवेदन पर हस्ताक्षर करेंगे. आवेदन से पार्टी का राजनीतिक रुख उजागर हो जायेगा. कांग्रेस का कहना है कि 1991 का कानून सभी धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाये रखने के लिए बनाया गया था.

इसका उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है. कांग्रेस का भाजपा पर आरोप है कि वह इस कानून की अवहेलना कर देश में धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने का काम कर रही है. कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पूरी मजबूती से अपनी बात रखेगी और 1991 के कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित करायेगी.

मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने बैठक की थी

कांग्रेस ने भाजपा से अपील की है कि वह इस तरह के संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण करना बंद करे. याद करें कि CWC की 29 नवंबर को हुई बैठक में पार्टी पदाधिकारियों ने भाजपा द्वारा पूजा स्थल अधिनियम के उल्लंघन किये जाने की निंदा की थी. CWC ने भाजपा और मोदी सरकार पर हल्ला बोलते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के रोक के आदेश के बाद,कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारियों ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित आला नेतृत्व के साथ बैठक की थी.

कांग्रेस का आरोप,भाजपा सरकार जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठा रही है

संसद सत्र के दौरान, विपक्षी INDIA अलायंस द्वारा एकसाथ मामला दायर करने की भी मंथन किया गया था. लेकिन जानकारों का कहना है कि इस मामले में पार्टियां अलग-अलग अपने कदम बढ़ा रही हैं. बता दें कि समाजवादी पार्टी ने संभल में एक मस्जिद का सर्वेक्षण और पुलिस फायरिंग को लेकर संसद में विरोध का परचम लहराया था. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठा रही है ताकि सांप्रदायिक तनाव फैलाया जा सके.

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