प्रशांत किशोर ने कहा, पीएम मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता कम हो गयी…सहित अन्य राष्ट्रीय खबरें

 NewDelhi/Patna : पीएम मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता कम हो गयी है. एनडीए सरकार का आगे का सफर जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड सहित नौ राज्यों के चुनावों पर निर्भर करेगा.  चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने यह बात कही. कहा कि   इसमें कोई संदेह नहीं कि पीएम मोदी और […] The post  प्रशांत किशोर ने कहा, पीएम मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता कम हो गयी…सहित अन्य राष्ट्रीय खबरें appeared first on lagatar.in.

Oct 1, 2024 - 17:30
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 प्रशांत किशोर ने कहा, पीएम मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता कम हो गयी…सहित अन्य राष्ट्रीय खबरें

 NewDelhi/Patna : पीएम मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता कम हो गयी है. एनडीए सरकार का आगे का सफर जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड सहित नौ राज्यों के चुनावों पर निर्भर करेगा.  चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने यह बात कही. कहा कि   इसमें कोई संदेह नहीं कि पीएम मोदी और एनडीए सरकार की लोकप्रियता में कमी आयी है. दो-ढाई साल में होने वाले 9 राज्यों के चुनाव के नतीजे भाजपा के खिलाफ रहे तो सरकार की स्थिरता पर सवाल  उठेंगे. हां अगर भाजपा इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करेगी, तो उसकी सत्ता बरकरार रहेगी.

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर कहा

प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा की मजबूरी है कि वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटा सकती  भाजपा जानती है कि नीतीश के मुख्यमंत्री रहते वह बिहार में चुनाव नहीं जीत सकती. भाजपा बिहार में कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि दिल्ली में सरकार चलाने के लिए उन्हें नीतीश की मदद चाहिए. जान लें कि प्रशांत किशोर  दो साल से जन सुराज पदयात्रा पर हैं. गांधी जयंती 2 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी की घोषणा करने वाले हैं.  वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं.  हाल ही में     उन्होंने कहा था कि अगर उनकी नयी राजनीतिक पार्टी सत्ता में आती है तो वह एक घंटे के भीतर ही बिहार में शराबबंदी को समाप्त कर देंगे.कहा था कि शराबबंदी का फैसला नीतीश कुमार का ढकोसला है.   मौजूदा शराबबंदी की आलोचना करते हुए दावा किया था कि यह अप्रभावी साबित हुई है.

राहुल गांधी के परिवार ने 50 साल तक भारत को लूटा, गिरिराज सिंह ने कहा : केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चुनावी भाषण पर सख्त ऐतराज जताते हुए उन्हें गांधी फैमिली का इतिहास याद दिलाया. इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा गौ माता को राज माता का दर्जा दिये जाने के फैसले की भी प्रशंसा की. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने भाषणों में केंद्र सरकार पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं. गिरिराज सिंह ने उनके बयानों को दिमागी दिवालियापन का नाम दिया. कहा कि राहुल गांधी दिमागी दिवालियापन के शिकार है. राहुल गांधी को गलतफहमी है कि उनके बयानों से मोदी की छवि खराब होगी. राहुल गांधी के परिवार ने 50 साल तक भारत को लूटा, उनके परिवार के शासन में कई घोटाले होते रहे हैं. वह ढंग की बात नहीं करते हैं, भारत से बाहर जाकर देश को गाली देते हैं, उन्हें यह कहने का क्या हक है?  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी रैली में राहुल गांधी के ‘नाच-गाने’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जो कहा गिरिराज ने उसका समर्थन किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी भारत को, प्रभु श्री राम को भी गाली देते हैं. यह इनका स्वभाव सा बन गया है. दरअसल, राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाना कार्यक्रम बताया था. उनके इसी बयान पर सीएम योगी ने कहा था कि ‘यह तो आपका परिवार जीवन भर करता रहा है.

 नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के  आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज  :  मध्य प्रदेश के सागर जिले में 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. इस घटना में संलिप्त आरोपी भी नाबालिग है. पुलिस ने पोक्सो एक्ट में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश तेज कर दी है. यह मामला 29 सितंबर का बताया जा रहा है. सागर जिले के थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने बताया, नाबालिग बच्ची के साथ से दुष्कर्म का मामला सामने आया है. हमने अभी दो आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में लिया है. आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. नाबालिग बच्ची के मुताबिक, वह नदी किनारे नहाने गयी थी. तभी कुछ युवक आये, जिनकी उम्र करीब 16 साल के आसपास रही होगी. इन युवकों ने उसे पकड़ लिया और झाड़ियों के पीछे ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. नाबालिग ने बताया कि जब उसने शोर मचाना शुरू किया, तो मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. इसके बाद पीड़िता ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में ग्रामीणों को बताया. इसके बाद ग्रामीण नाबालिग बच्ची को लेकर थाने पहुंचे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 137(2), 70(2), 64 सहित पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

  जम्मू-कश्मीर चुनाव  में वाल्मीकि समाज के लोगों ने की पहली बार वोटिंग :  जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण का मतदान हो रहा है. इस दौरान वाल्मीकि समाज ने पहली बार किया मतदान किया है. यह कई दशकों में पहली बार है, जब इस समाज के लोगों को मतदान का अधिकार मिला है. वर्षों से हाशिये पर रहे इस समाज के लोगों ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी का धन्यवाद अदा किया. तीसरे चरण के तहत जम्मू संभाग की 24 सीटों पर हो रहे मतदान के दौरान वाल्मीकि समाज के लोग गदगद नजर आए. इस दौरान इस समाज के कुछ वोटर्स ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए अपना अनुभव शेयर किया. वाल्मीकि समाज के एक 85 वर्षीय सदस्य ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, आज पहली बार वोट डाला है. बहुत खुशी हुई है. हमारे लिए यही मुद्दें हैं कि हमारे बच्चे कई साल पढ़ाई करने के बाद भी घर पर खाली बैठे हैं. गरीबों की सुनी जाए. वाल्मीकि समाज की एक युवा वोटर ने कहा, हर एक सरकार के वोट बैंक होते हैं. हमें जब वोटिंग का अधिकार नहीं था तो कोई कैसे हमारी सुध बुध लेता. हमारा दर्द सिर्फ मोदी सरकार ने समझा है. इसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं. उन्होंने आर्टिकल 370 को हटाया, जिसके बाद हमारे लिए तरक्की के रास्ते खुल गये हैं. हमारे बच्चे बिजनेस, अच्छी नौकरी के जो सपने देखते थे, वह साकार हो रहे हैं. हमारे समाज का एक लड़का जेई बना है. मैं भी पढ़ाई में आगे बढ़ पाई हूं. मैं यही अपील करूंगी कि ऐसी सरकार को चुनें जो विकास को बढ़ावा दे. न की ऐसे लोगों को चुनें जो आतंकवाद और गलत कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं.

लेबनानी पीएम बोले, इजरायल के साथ तनाव कम करने की कोशिश जारी :   लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने कहा कि उनका देश अपनी दक्षिणी सीमा पर इजरायल के साथ तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 को लागू करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि यह घोषणा इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील के जवाब में की गयी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संसद अध्यक्ष नबीह बेरी से मुलाकात के बाद मिकाती ने सोमवार को कहा कि लेबनान संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ समन्वय में लिटानी नदी के दक्षिण में अपनी सेना तैनात करने के लिए तैयार है. 2006 में पारित ‘संकल्प 1701 के साथ इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 33 दिनों तक चला युद्ध खत्म हुआ था. इसमें शत्रुता समाप्त करने और लेबनान से इजरायल की वापसी आह्वान किया गया था. साथ ही इसमें लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) को मजबूत करने का भी जिक्र शामिल था ताकि लेबनानी सेना के साथ युद्ध विराम की निगरानी की जा सके. प्रस्ताव लेबनान-इजरायल सीमा और लिटानी नदी के बीच एक असैन्यीकृत क्षेत्र स्थापित करने की बात करता है ताकि केवल लेबनानी सेना और संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल को ही इस क्षेत्र में हथियार रखने की अनुमति मिले.

दिल्ली सरकार का दीपावली तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का संकल्प :   दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार ग्रहण करने के बाद घोषणा की थी कि दिवाली तक राज्य की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा. इस घोषणा के बाद राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री जनता के बीच जाकर सड़कों का जायजा ले रहे हैं. इस क्रम में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय और गोकुलपुर विधानसभा के विधायक सुरेंद्र चौधरी ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ मिलकर लोनी बॉर्डर और नंद नगरी बस डिपो के पास वजीराबाद रोड पर टूटी हुई सड़कों का निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश भी दिये. हालांकि, क्षेत्रीय जनता ने सरकार से नाराजगी व्यक्त की है. लोगों का कहना है कि लोनी रोड की सड़कों की स्थिति को सुधारने में 10 से 15 साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ है. गोकुलपुर विधानसभा के निवासी वेदपाल बताते हैं कि जब वे दिल्ली के अंदर आते हैं, तो सड़कों की स्थिति देखकर निराश होते हैं. एक अन्य स्थानीय निवासी अनिल चौधरी बताते हैं कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से कोई सड़क नहीं बनी है. अगर प्रदेश में सड़कों को ठीक नहीं किया गया तो आम आदमी पार्टी की प्रदेश में स्थिति बहुत खराब हो जाएगी.

  भारत में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय जेब से होने वाले खर्च से अधिक :   केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो भारत में 2020-21 और 2021-22 के बीच नेशनल हेल्थ अकाउंट (एनएचए) के आंकड़ों के अनुसार पहली बार स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च ने अपनी जेब से होने वाले खर्च को पीछे छोड़ दिया है.  हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चला है कि कुल स्वास्थ्य व्यय में जेब से खर्च का हिस्सा 2021-22 में घटकर 39.4 प्रतिशत हो गया. जबकि, यह 2013-14 में 64.2 फीसदी था. साथ ही, देश की कुल जीडीपी में सरकारी स्वास्थ्य व्यय (जीएचई) की हिस्सेदारी 2020-21 में 28.6 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 48 प्रतिशत हो गयी. स्वास्थ्य नीति में ऐतिहासिक बदलाव सार्वजनिक व्यय में वृद्धि से प्रेरित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा. इसमें कहा गया है कि इससे वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी और नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य कवरेज को बढ़ावा मिलेगा. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, भारतीय इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च अपनी जेब से होने वाले खर्च से अधिक हो गया है, जिससे यह साबित होता है कि हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार प्रतिबद्ध है, इसके साथ ही स्वास्थ्य देखभाल पर सरकारी व्यय 2013-14 से 2021-22 तक तीन गुना हो गया है. उन्होंने आगे लिखा, “पहली बार, भारत में स्वास्थ्य के लिए जेब से होने वाला व्यय 40 प्रतिशत से नीचे आ गया है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसको लेकर सरकारी स्वास्थ्य व्यय अधिक हो गया है. जो इस क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है.

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