NewDelhi : वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 को लेकर गठित की गयी जेपीसी की पांचवीं बैठक में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर रार-तकरार होने की खबर है. वफ्फ संशोधन बिल को लेकर गुरुवार, 19 सितंबर 2024 को हुई बैठक में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भारी हंगामा किया.
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गृह मंत्री वक्फ संशोधन बिल को लेकर बाहर बयान क्यों दे रहे हैं
जानकारी के अनुसार बैठक में संजय सिंह और ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह के वक्फ को लेकर दिये बयान पर सवाल खड़े किये. बिल का समर्थन करने वाले सांसदों और संजय सिंह के बीच जमकर बहस हुई. महाराष्ट्र की सासंद मेघाताई कुलकर्णी और संजय सिंह के बीच जोरदार बहस हुई. संजय सिंह सहित ओवैसी ने बैठक में कहा, मामला अभी जेपीसी में है तो गृह मंत्री वक्फ संशोधन बिल को लेकर बाहर बयान क्यों दे रहे हैं. संजय सिंह ने कहा कि संसदीय समिति पर प्रेशर बनाने की कोशिश की जा रही है? दोनों सासंदों का कहना था गृह मंत्री को इस बात का कोई अधिकार नहीं है कि जब एक मामला जब जेपीसी में है, तो इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए.
महाज ने वक्फ पर समर्थन सरकार को देते हुए संशोधन को सही करार दिया
बैठक में पटना की चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर फैजान मुस्तफा ने वक्फ बाय यूजर और वक्फ ट्रिब्यूनल का समर्थन करते हुए कहा कि डीएम को सभी पावर देने से मामला गड़बड़ा जा सकता है. कहा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार को सतर्कता बरतनी चाहिए. संशोधन वही किये जाने चाहिए जो सही हों. और सबकी सहमति हो. मुस्तफा के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पसमांदा महाज ने भी वक्फ संशोधन बिल को लेकर अपना पक्ष रखा. दिलचस्प बात यह है कि महाज ने वक्फ पर अपना समर्थन सरकार को देते हुए संशोधन को सही करार दिया.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 200 पेज की रिपोर्ट दी
बताया गया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी, कासिम रसूल इलियास और एडवोकेट शमशाद समेत पांच लोगों ने अपनी बात रखी. बोर्ड ने कमेटी के सामने 200 पन्नों की एक रिपोर्ट भी पेश की. इसमें वक्फ बिल में संशोधन को लेकर कई बिंदुओं पर विरोध दर्ज किया गया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि, वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर हम सभी स्टेकहोल्डर से बात कर रहे हैं.
इसके बाद टूर भी होगा. हम लोग विस्तार से इस पर चर्चा कर रहे है. हम चाह रहे हैं कि सारे स्टेकहोल्डर आये. जो लोग वक्फ से जुड़े हुए हैं, जिनका अपना अनुभव है, हम लोग उन तमाम लोगों से बात करना चाह रहे हैं. क्योंकि यह मुस्लिम से जुड़ा हुआ बिल है.
यह बिल भ्रामक खबर फैलाने के लिए लाया गया है
हम चर्चा कर रहे है कि इसमें क्या संशोधन हो सकता है. बोर्ड की तरक्की के लिए हम क्या कर सकते है. सरकार की ओर से यह बिल भ्रामक खबर फैलाने के लिए लाया गया है. हम एक-एक बिंदु पर गंभीरता के साथ चर्चा कर रहे हैं. जेपीसी की बैठक में एक समय ऐसा भी आया जब जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस हुई. गुरुवार को मुस्लिम समाज की तरफ से विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए आये पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रतिनिधियों ने बिल का पुरजोर शब्दों में समर्थन किया.
मुस्लिम महाज ने बिल को 85 प्रतिशत मुसलमानों के लिए फायदेमंद बताया
मुस्लिम महाज ने इस बिल को 85 प्रतिशत मुसलमानों के लिए फायदेमंद करार देते हुए मुस्लिम समाज के दलितों और आदिवासियों को भी इसमें जगह देने की मांग की. बैठक में जब पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रतिनिधि बिल पर अपनी बात रख रहे थे, तो विपक्ष के कई सांसद उन्हें बार-बार रोक रहे थे. इसे लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के सांसदों के बीच जोरदार बहस भी हुई. भाजपा सांसदों ने विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब कोई मुस्लिम व्यक्ति या संगठन बिल का विरोध करते हैं, तो विपक्षी सांसद चुपचाप सुनते हैं. लेकिन, जब भी कोई बिल का समर्थन करता है, तब विपक्षी सांसद व्यवधान पैदा करते हैं.
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