सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद मामले में गौतम नवलखा को जमानत दी,बंबई उच्च न्यायालय की रोक बढ़ाने से इनकार
New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवाद संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी ने इस मामले में नवलखा की जमानत पर लगी बंबई उच्च न्यायालय की रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा […]
New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवाद संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी ने इस मामले में नवलखा की जमानत पर लगी बंबई उच्च न्यायालय की रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को नजरबंदी के दौरान सुरक्षा के लिए खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश भी दिया. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Bhima Koregaon case: Supreme Court grants bail to activist Gautam Navlakha pic.twitter.com/hJE2BVM6QL
— ANI (@ANI) May 14, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नवलखा चार साल से अधिक समय से जेल में हैं
पीठ ने कहा, हम रोक नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश में जमानत देने के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है. सुनवाई पूरी होने में कई वर्ष लग जायेंगे. कहा कि विवादों पर विस्तार से गौर किये बिना, हम रोक की अवधि नहीं बढ़ायेंगे. प्रतिवादी पक्ष यथाशीघ्र 20 लाख रुपये का भुगतान करे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नवलखा चार साल से अधिक समय से जेल में हैं और मामले में अब तक आरोप तय नहीं किये गये हैं. जान लें कि बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को नवलखा को जमानत दे दी थी, लेकिन इसके बाद एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के लिए समय मांगा, जिसके चलते उच्च न्यायालय ने अपने आदेश पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट नवलखा को नवंबर में घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी
उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2018 में गिरफ्तार किये गये नवलखा को पिछले साल नवंबर में घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी. वह फिलहाल नवी मुंबई में रह रहे हैं. यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिये जाने से संबंधित है. पुलिस का दावा है कि इसके अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी. इस मामले में 16 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. उनमें से पांच फिलहाल जमानत पर हैं.
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