150 से अधिक वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ को पत्र लिखा, केजरीवाल की जमानत पर हाईकोर्ट की रोक पर सवाल उठाया
NewDelhi : 150 से अधिक वकीलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाये जाने पर चिंता जताये जाने की खबर है. है. पत्र में कहा गया है कि न्यायाधीश ईडी और सीबीआई मामलों में जमानत का अंतिम रूप […]
NewDelhi : 150 से अधिक वकीलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाये जाने पर चिंता जताये जाने की खबर है. है. पत्र में कहा गया है कि न्यायाधीश ईडी और सीबीआई मामलों में जमानत का अंतिम रूप से निपटारा नहीं कर रहे हैं. लंबी तारीखें दे रहे हैं. वकीलों के इस पत्र में ट्रायल कोर्ट के अवकाशकालीन न्यायाधीशों से लंबित मामलों में कथित रूप से अंतिम आदेश पारित न करने के लिए कहे जाने पर चिंता जताई गयी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
STORY | Lawyers send representation to CJI over “unprecedented” communication to vacation judges of trial courts
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— Press Trust of India (@PTI_News) July 4, 2024
केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी.
इस ज्ञापन (पत्र) को महत्वपूर्ण करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसे अवकाशकालीन न्यायाधीश बिंदु द्वारा 20 जून को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दिये जाने के मद्देनजर भेजा गया है. बाद में अरविंद केजरीवाल की जमानत पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय, दिल्ली की जिला अदालतों में अभूतपूर्व प्रथाएं देखी जा रही हैं
पत्र में आश्चर्य जताते हुए लिखा गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय और दिल्ली की जिला अदालतों में कुछ अभूतपूर्व प्रथाएं देखी जा रही हैं. 157 वकीलों के हस्ताक्षर से युक्त पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बिंदु ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी, जबकि सीजेआई ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट को तेजी से और साहसिक निर्णय लेने की जरूरत है ताकि उच्च न्यायालय मामलों में अटके न रहें.
ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश की तत्काल लिस्टिंग, सुनवाई हुई
केजरीवाल को जमानत मिलने के अगले ही दिन ईडी ने इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी. पत्र के अनुसार इस चुनौती को बेहद अनियमित बनाने वाली बात यह है कि यह चुनौती राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश को (वेबसाइट पर) अपलोड किये जाने से पहले ही दी गयी थी. .
उच्च न्यायालय द्वारा ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश की तत्काल लिस्टिंग, सुनवाई और स्थगन का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा गया है कि भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया है और इसने कानूनी बिरादरी के मन में गहरी चिंता पैदा कर दी है.
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