CAG की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश क्यों नहीं की? हाई कोर्ट को दिल्ली की आप सरकार की ईमानदारी पर संदेह

भाजपा के 7 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूछा था कि CAG रिपोर्ट को विधानसभा में क्यों नहीं रखा जा रहा है New Delhi : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश नहीं किये जाने को लेकर हाई कोर्ट द्वारा की गयी टिप्पणी से दिल्ली की आम आदमी पार्टी […]

Jan 14, 2025 - 05:30
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CAG की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश क्यों नहीं की? हाई कोर्ट को दिल्ली की आप सरकार की ईमानदारी पर संदेह

भाजपा के 7 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूछा था कि CAG रिपोर्ट को विधानसभा में क्यों नहीं रखा जा रहा है

New Delhi : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश नहीं किये जाने को लेकर हाई कोर्ट द्वारा की गयी टिप्पणी से दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केजरीवाल मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं. हाई कोर्ट ने सरकार की ईमानदारी पर संदेह जाहिर किया है. कोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की है जब मीडिया में सीएजी की दो रिपोर्ट लीक हो चुकी हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं.

बता दें कि रिपोर्ट में सीएम के बंगले(शीशमहल) पर गलत तरीके से करोड़ों रुपए खर्च किये जाने और शराब नीति से सरकारी खजाने को 2000 करोड़ रुपए से अधिक नुकसान का दावा किया गया है.

रिपोर्ट  स्पीकर को भेज कर सदन में चर्चा शुरू की जानी चाहिए थी

जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने सीएजी रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल खड़े किये हैं. हाई कोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट पर विचार करने में देर करने के लिए आप सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है. कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट तुरंत स्पीकर को भेज कर सदन में चर्चा शुरू की जानी चाहिए थी.

चुनाव के नजदीक विधानसभा सत्र कैसे हो बुलाया जा सकता था

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को रिपोर्ट्स को स्पीकर के पास भेजने में सक्रियता दिखानी चाहिए थी. हालांकि इसका जवाब देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि चुनाव के नजदीक विधानसभा सत्र कैसे हो बुलाया जा सकता था.
खबरों के अनुसार पिछली सुनवाई के क्रम में दिल्ली विधानसभा के सचिवालय ने अदालत को जानकारी दी थी कि सीएजी रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है.

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, स्पीकर सहित अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा था

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, स्पीकर सहित अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा था. दिल्ली सरकार ने जवाब दिया था कि सभी 14 रिपोर्ट स्पीकर के पास भेजी जा चुकी है. बता दें कि भाजपा विधायकों ने सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में पेश किये जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी. भाजपा का आरोप है कि एक दर्जन से अधिक सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में वर्षों से लंबित हैं.

 यह और भी स्पष्ट हो गया है कि स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है : भाजपा 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, मीडिया में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक टिप्पणी की है कि दिल्ली सरकार द्वारा CAG रिपोर्ट को सदन में रखने में देरी करना दुर्भाग्यपूर्ण है. अब यह और भी स्पष्ट हो गया है कि स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है, केवल विकास कार्यों, पर्यावरण और जलभराव वाली सड़कों के मामले में ही नहीं, बल्कि संवैधानिक मामलों में भी. डॉ  त्रिवेदी ने कहा, लगभग एक दर्जन CAG रिपोर्ट हैं, जिन्हें दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा में नहीं रखा है.

11 जनवरी 2025 को, दिल्ली विधानसभा सचिव ने कहा, रिपोर्ट को सदन में रखने का कोई फायदा नहीं है.  हमारे 7 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूछा था कि CAG रिपोर्ट को विधानसभा में क्यों नहीं रखा जा रहा है.  संवैधानिक संस्था और संवैधानिक प्रक्रियाओं में व्याप्त है, जो सरकार के समुचित कामकाज के लिए बहुत आवश्यक है.

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