Ghatshila : शोध कार्य विकास की आधारशिला – डॉ. एनआर मृणाल

Ghatshila (Rajesh Chowbey) : सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला में रिसर्च मैथोडोलॉजी, रिसर्च पेपर राइटिंग और पब्लिकेशन पर मंगलवार को तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ. सोना देवी विश्वविद्यालय के पीएचडी रिसर्च स्कॉलर के अलावा अन्य विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलरों ने भी इसमें हिस्सा लिया. कार्यशाला में रिसर्च स्कॉलरों को शोध के विभिन्न पहलुओं से अवगत […] The post Ghatshila : शोध कार्य विकास की आधारशिला – डॉ. एनआर मृणाल appeared first on lagatar.in.

Sep 10, 2024 - 17:30
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Ghatshila : शोध कार्य विकास की आधारशिला – डॉ. एनआर मृणाल

Ghatshila (Rajesh Chowbey) : सोना देवी विश्वविद्यालय घाटशिला में रिसर्च मैथोडोलॉजी, रिसर्च पेपर राइटिंग और पब्लिकेशन पर मंगलवार को तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ. सोना देवी विश्वविद्यालय के पीएचडी रिसर्च स्कॉलर के अलावा अन्य विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलरों ने भी इसमें हिस्सा लिया. कार्यशाला में रिसर्च स्कॉलरों को शोध के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया. पहले दिन मुख्य वक्ता के रूप में नागपुर विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एनआर मृणाल ने रिसर्च स्कॉलरों को शोध के विभिन्न चरणों के बारे में गहन जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शोध कार्य विकास की आधारशिला है.

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डॉ. मृणाल ने विस्तार से बताया कि रिसर्चर शोध समस्या के चयन में किन-किन बातों का ध्यान रखें. परिकल्पना का निर्माण एवं उसकी जांच कैसे करें, रिसर्च डिजाइन बनाते समय किन चीजों पर ध्यान दे ताकि शोध में शामिल सैंपल का प्रतिनिधित्व हो सके. डॉ. एनआर मृणाल ने बताया कि अच्छा शोध कार्य करने के लिए रिसर्च माइथोलॉजी की जानकारी बहुत जरूरी हैं. डा. मृणाल ने बताया कि शोध में डाटा संग्रह करने के बाद सांख्यिकी प्रविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. उन्होंने सांख्यिकीय विश्लेषण पद्धतियों जैसे माध्य, माध्यमान, बहुलक, मानक विचलन, टी टेस्ट, एफ टेस्ट, जेड स्कोर के बारे में अत्यंत सूक्ष्म जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विचलन की माप कैसे की जाती है और परिकल्पना परीक्षण कार्य कैसे किया जाता है. सहसंबंध निकलाने और सार्थकता का स्तर ज्ञात करने के बारे में भी बताया. सामान्य आकृति वितरण के बाद में भी विस्तार से प्रकाश डाला .

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इससे पहले दीप प्रज्वलन के साथ कार्यशाला की शुरुआत हुई. कुलाधिपति प्रभाकर सिंह ने मुख्य अतिथि डॉ. एनआर मृणाल तथा सभी रिसर्च स्कॉलरो का स्वागत किया. सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जेपी मिश्र ने शोधार्थियों को शोध के महत्व के बारे में बताया तथा कुलसचिव प्रो. डॉ. गुलाब सिंह आजाद ने रिसर्च मेथोडोलॉजी के विभिन्न चरणों के बारे में संक्षिप्त जानकारी रिसर्च स्कॉलरों को दी. उन्होंने शोधार्थियों को पाठ्यक्रम के लिए इस कार्यशाला के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया. कार्यशाला के दूसरे सत्र में कई रिसर्च स्कॉलरों ने अपना-अपना पत्र प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम के अन्य में शोधार्थियों ने रिसर्च मेथोडोलॉजी से संबंधित अपना शंकाओं का समाधान विद्तजन से प्राप्त किया.

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