Kiriburu : राशन व पानी के लिए ग्रामीण करेंगे अनिश्चितकालीन सड़क जाम

गंगदा पंचायत के 8 गांवों के ग्रामीणों को एक वर्ष से नहीं मिला है राशन लंबे समय से खराब है चापाकल, शिकायत के बाद भी नहीं बनाया गया मुखिया राजू सांडिल 19 को ग्रामीणों के साथ करेंगे बैठक Kiriburu (Shailesh Singh) : नक्सल प्रभावित सारंडा के गंगदा पंचायत के 8 गांव के ग्रामीण सलाई चौक […]

Jul 15, 2024 - 17:30
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Kiriburu : राशन व पानी के लिए ग्रामीण करेंगे अनिश्चितकालीन सड़क जाम
  • गंगदा पंचायत के 8 गांवों के ग्रामीणों को एक वर्ष से नहीं मिला है राशन
  • लंबे समय से खराब है चापाकल, शिकायत के बाद भी नहीं बनाया गया
  • मुखिया राजू सांडिल 19 को ग्रामीणों के साथ करेंगे बैठक

Kiriburu (Shailesh Singh) : नक्सल प्रभावित सारंडा के गंगदा पंचायत के 8 गांव के ग्रामीण सलाई चौक के पास मनोहरपुर-बड़ाजामदा मुख्य सड़क अनिश्चितकालीन के लिए जाम करेंगे. सड़क जाम में सलाई, दोदारी, दुईया, लेम्ब्रे, हिनुआ, कुम्बिया, चुर्गी एवं मम्मार के ग्रामीण शामिल रहेंगे. ग्रामीण सरकारी राशन व पेयजल समस्या को लेकर जाम करेंगे. बीते 6 से 12 महीनों से सरकारी राशन नहीं मिलने से नाराज उक्त गांवों के ग्रामीणों व महिलाओं ने 15 जुलाई को मुखिया राजू सांडिल से दुईया गांव में मुलाकात कर राशन डीलर प्रभु सहाय हेम्ब्रम की शिकायत की. सभी ने कहा कि राशन डीलर ग्रामीणों को मिलने वाला सरकारी राशन की कालाबाजारी कर रहा है. इसकी शिकायत बीडीओ व खाद्य आपूर्ति विभाग से कई बार मौखिक की गई. इसके बावजूद राशन नहीं मिल रहा है. सभी गांवों में वर्षों से पेयजल की समस्या है. सभी चापाकल खराब हैं, जिसे ठीक नहीं किया जा रहा है.

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ग्रामीण चंदा कर जाएंगे रांची सीएम आवास घेरने

राशन कार्ड दिखाती एक महिला.

ग्रामीणों ने कहा कि अगर इन समस्याओं का समाधान अविलम्ब नहीं हुआ तो सभी आपस में चंदा कर रांची में मुख्यमंत्री आवास अथवा कार्यालय का घेराव करने जाने को बाध्य होंगे. सभी ने अविलम्ब राशन डीलर को बदलने तथा बकाया राशन दिलाने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि बीते वर्ष जून माह का राशन मिला, जबकि जुलाई, अगस्त, सितम्बर का नहीं मिला. फिर अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर माह का राशन मिला. इस वर्ष जनवरी एवं फरवरी माह का राशन नहीं मिला है. मार्च, अप्रैल, मई में राशन मिला तथा जून और जुलाई का नहीं मिला है. कुम्बिया, चुर्गी और मम्मार गांव के लोगों को लगभग 12-14 माह से राशन नहीं मिला है.

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सरकारी राशन में कर ली जाती है 2-4 किलो कटौती

मुखिया राजू सांडिल ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि सारंडा जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को खाद्य आपूर्ति विभाग के पदाधिकारी राशन डीलर से मिलकर उनके हक का सरकारी राशन गबन कर जा रहे हैं. यहां रोजगार, कृषि की कोई सुविधा नहीं है. सरकारी राशन ही ग्रामीणों के जीने का मुख्य आधार है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि ग्रामीणों को जब राशन मिलता भी है तो 2-4 किलो कटौती करके. एक माह का राशन देकर डीलर लाभुक के कार्ड पर 2-3 माह का राशन इन्ट्री कर देता है. इसकी शिकायत कई बार की गई. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. इसके अलावे पेयजल की समस्या का समाधान हेतु उपायुक्त व पीएचईडी विभाग से कई बार आग्रह किया गया. लेकिन आज तक ठीक नहीं किया गया. इन दोनों समस्याओं को लेकर 19 जुलाई को ग्रामीणों के साथ बैठक की जायेगी. इस दौरान दोनों समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो अनिश्चितकालिन सड़क जाम किया जायेगा.

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