अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी
Ashish Tagore Latehar : चतरा संसदीय क्षेत्र में 20 मई को मतदान संपन्न हो गया. मतदान संपन्न होने के बाद प्रत्याशी व उनके समर्थक आंकलन में जुट गये हैं. क्षेत्र में फोन कर आंकड़े जुटाये जा रहे हैं. कहां, कैसा चुनाव हुआ है और किसके पक्ष में मतदान हुआ है, इन सबों की जानकारी ली […]
Ashish Tagore
Latehar : चतरा संसदीय क्षेत्र में 20 मई को मतदान संपन्न हो गया. मतदान संपन्न होने के बाद प्रत्याशी व उनके समर्थक आंकलन में जुट गये हैं. क्षेत्र में फोन कर आंकड़े जुटाये जा रहे हैं. कहां, कैसा चुनाव हुआ है और किसके पक्ष में मतदान हुआ है, इन सबों की जानकारी ली जा रही है. पिछले चुनाव में किस क्षेत्र से किस दल को कितना वोट मिला था, उसका गुणा भाग किया जा रहा है. किस जाति व समुदाय ने किसे कितना वोट दिया होगा, इसकी भी गणित लगायी जा रही है. बावजूद इसके कोई भी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं दिखायी पड़ रहा है. राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों की धड़कनें मतदान के बाद बढ़ गयी है. जो प्रत्याशी पूर्व में हर हाल में अपनी जीत के दावे कर रहे थे, आज वे भी संशय में हैं. मतदाताओं के मिजाज का अंदाजा नहीं मिल पाने के कारण ऐसी स्थिति बनी है. लेकिन शहर के चौक-चौराहों में हार जीत को लेकर चर्चा खूब हो रही है. अब तो आगामी चार जून को ही पता चल पायेगा कि सेहरा किसके सिर बंधेगा. बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र के वनिस्पत ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बेहतर रहा है. शहरी वोटरों का मिजाज तो लोगों ने भांप लिया है, लेकिन ग्रामीण मतदाताओं के मिजाज को भांपना थोड़ा कठिन हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं के रूख का अंदाजा प्रत्याशी नहीं लगा पा रहे हैं. मनिका विधानसभा क्षेत्र में तो बहुत हद तक स्पष्ट है कि वहां से कौन लीड करेगा, लेकिन चतरा लोकसभा सीट के शेष चार विधानसभा क्षेत्रों में अभी भी असमंजस की स्थिति है. अभी तक जो स्थिति बन पायी है, उससे कयास लगाया जा रहा है कि जो भी प्रत्याशी जीते, उनकी हार जीत का मार्जिन काफी कम होगा. लोगों का कहना है कि आज का वोटर बहुत ही साइलेंट है. वोट को लेकर कुछ कहने को तैयार नहीं होता है. इस कारण अंदाजा लगाना मुश्किल होता है.
रामपुर हरिजन टोला में पानी की भारी किल्लत
महुआडांड़ (लातेहार) : प्रखंड मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामपुर ग्राम अंतर्गत हरिजन टोला में ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. हरिजन टोला में पेयजल की समस्या विकराल हो गई है. प्रखंड में नल-जल योजना के तहत कनेक्शन और हैंडपंप शो पीस बनकर रह गए हैं. ऐसे में सरकार और विभाग का दावा छलावा साबित होता नजर आ रहा है. इस टोला के अंतर्गत तीन चापाकल हैं. जिसमें से दो चापानल एक साल से खराब है. तीसरा चापाकल से पूरा टोला पानी पीता है, लेकिन गर्मी में इस चापाकल का भूमिगत जल स्तर नीचे चला गया है. लोगों को अब पानी लाने के लिए आधा किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. वहीं लोध ग्रामीण जलापूर्ति योजना से जोड़कर हरिजन टोला में हर घर नल का कनेक्शन दिया गया. लेकिन अभी तक ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हुआ. पूरे प्रखंड क्षेत्र में जल नल योजना फेल है. प्रखंड प्रशासन भी मौन है.
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