अमित शाह ने कहा, नॉर्थ-ईस्ट में उग्रवाद खत्म हो गया, 10 साल में नौ हजार उग्रवादियों ने सरेंडर किया
Agartala : नॉर्थ-ईस्ट में अब उग्रवाद खत्म हो गया है, इसलिए लोगों को जल्द न्याय मिले, इसके लिए पुलिस का दृष्टिकोण बदलने का समय आ गया है. FIR दर्ज होने के तीन साल के अंदर न्याय मिल जाये,ये जरूरी है. गृह मंत्री अमित शाह आज शनिवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल (NEC) […]
Agartala : नॉर्थ-ईस्ट में अब उग्रवाद खत्म हो गया है, इसलिए लोगों को जल्द न्याय मिले, इसके लिए पुलिस का दृष्टिकोण बदलने का समय आ गया है. FIR दर्ज होने के तीन साल के अंदर न्याय मिल जाये,ये जरूरी है. गृह मंत्री अमित शाह आज शनिवार को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल (NEC) के 72वें प्लेंट्री सेशन (पूर्ण अधिवेशन) को संबोधित कर रहे थे.
Entire Northeast has to be drug and addiction-free within shortest possible time: Amit Shah
Read @ANI | Story https://t.co/CL8pXXMp4u#AmitShah #Northeast #DrugFree pic.twitter.com/eLeVJYvu9V
— ANI Digital (@ani_digital) December 21, 2024
#WATCH | Agartala, Tripura | Union Home Minister Amit Shah says, “…Chanakya sutra says – only those states and nations can live in happiness and peace where people follow Dharma – which here means duty and not religion… He further says that of which nation, people can follow… pic.twitter.com/TH6AAyG50g
— ANI (@ANI) December 21, 2024
नॉर्थ-ईस्ट में रेलवे पर 81,000 करोड़, सड़क नेटवर्क पर 41,000 करोड़ खर्च
श्री शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 10 साल में 20 शांति समझौतों पर साइन कर नॉर्थ-ईस्ट में शांति लाये है. इस कालखंड में 9 हजार उग्रवादियों ने हथियार डाले हैं. बताया कि केंद्र ने नॉर्थ-ईस्ट में रेलवे पर 81,000 करोड़ रुपए और सड़क नेटवर्क पर 41,000 करोड़ रुपए खर्च किये हैं.
अमित शाह के साथ नॉर्थ-ईस्ट डेवलपमेंट मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित नॉर्थ-ईस्ट के सभी आठ राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सीनियर अधिकारी मौजूद थे. जान लें कि 2008 के बाद दूसरी बार अगरतला में यह प्लेंट्री सेशन हो रहा है.
नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी
नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल (NEC) की बात करें तो यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नोडल एजेंसी है. इसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं. अमित शाह अधिवेशन में शामिल होने के लिए कल शुक्रवार को ही त्रिपुरा आ गये थे.
केंद्र ने सितंबर में NLFT और ATTF के साथ समझौता किया था
मामले की तह में जायें, तो केंद्र व त्रिपुरा सरकार ने इसी साल चार सितंबर को दो उग्रवादी संगठनों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के साथ शांति समझौता किया था. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के समय गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा सीएम माणिक साहा मौजूद थे. दोनों उग्रवादी संगठन लगभह 35 साल से सक्रिय थे. शांति समझौते के बाद दोनों संगठनों के 328 कैडरों ने हथियार सरकार के समक्ष डाले थे.
TIPRA मोथा, त्रिपुरा और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता
गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इसी साल मार्च में TIPRA मोथा, त्रिपुरा और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ. इस अवसर पर अमित शाह ने त्रिपुरा के सभी लोगों को आश्वस्त किया था कि अब यहां किसी को भी अपने धिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा. पिछले साल की बात करें तो असम के उग्रवादी संगठन ULFA से समझौता हुआ थी. असम के उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) ने 29 दिसंबर, 2023 को केंद्र और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर साइन किये थे. गृह मंत्री और असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में समझौता हुआ था. इस क्रम में ULFA के 700 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया था.
What's Your Reaction?