असम में झारखंडी आदिवासियों की स्थिति दयनीय, यहां हिमंता बन रहे हितैषी

असम में झारखंडी आदिवासियों के अधिकारों का अभाव असम में झारखंडी आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त नहीं जल-जंगल-जमीन पर भी झारखंडी आदिवासियों का विशेष अधिकार नहीं झारखंडी आदिवासियों की भाषा व संस्कृति भी सुरक्षित नहीं Ranchi :  लोकतंत्र बचाओ अभियान की ओर से असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी व सामाजिक कार्यकर्ताओं […] The post असम में झारखंडी आदिवासियों की स्थिति दयनीय, यहां हिमंता बन रहे हितैषी appeared first on lagatar.in.

Nov 9, 2024 - 17:30
 0  1
असम में झारखंडी आदिवासियों की स्थिति दयनीय, यहां हिमंता बन रहे हितैषी
  • असम में झारखंडी आदिवासियों के अधिकारों का अभाव
  • असम में झारखंडी आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त नहीं
  • जल-जंगल-जमीन पर भी झारखंडी आदिवासियों का विशेष अधिकार नहीं
  • झारखंडी आदिवासियों की भाषा व संस्कृति भी सुरक्षित नहीं

Ranchi :  लोकतंत्र बचाओ अभियान की ओर से असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि झारखंडी आदिवासी असम में ना अनुसूचित जनजाति का दर्जा पा सकें, ना ही जल-जंगल-जमीन पर उनका विशेष अधिकार हैं और न ही उनकी भाषा-संस्कृति की सुरक्षा सुनिश्चित है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा का झारखंड में आदिवासियों के अधिकारों की वकालत करना असम में बसे झारखंडी आदिवासियों के लिए विरोधाभासी प्रतीत हो रहा है.

असम, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ हो रहा शोषण

असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आदिवासियों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. असम से आये आदिवासी और सामाजिक कार्यकर्ता एमानुएल पूर्ति ने बताया कि असम में झारखंडी आदिवासी चाय बागानों में सबसे ज्यादा शोषण का शिकार हो रहे हैं. मध्य प्रदेश के आदिवासी नेता राधेश्याम काकोड़िया ने कहा कि भाजपा के “डबल बुलडोजर राज” के कारण आदिवासियों की संस्कृति, पहचान और अधिकार खतरे में हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के आलोक शुक्ला ने आरोप लगाया कि अडानी समूह के मुनाफे के लिए हसदेव अरण्य के जंगलों को उजाड़ा जा रहा है. यहां बिना ग्राम सभा की सहमति के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खनन का कार्य चल रहा है.

झारखंड के आदिवासियों को भाजपा के “डबल बुलडोजर राज” से चेताया

असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से आये कार्यकर्ताओं ने झारखंड के आदिवासियों को भाजपा के “डबल बुलडोजर राज” से चेताया है. उन्होंने कि भाजपा के “डबल बुलडोजर राज” का अनुभव झारखंड को न होने दें. लोकतंत्र बचाओ अभियान की ओर से एलिना होरो और मंथन ने कहा कि भाजपा का वर्तमान चुनावी अभियान सांप्रदायिकता और धार्मिक ध्रुवीकरण पर आधारित है. जबकि पार्टी ने आदिवासी-मूलवासी के अधिकारों पर चुप्पी साध रखी है.

The post असम में झारखंडी आदिवासियों की स्थिति दयनीय, यहां हिमंता बन रहे हितैषी appeared first on lagatar.in.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow